PATNA: बिहार में बेरोजगारी दूर करने पर नीतीश कुमार काम कर रहे हैं। बीते दिनों भू-राजस्व विभाग में 4325 राजस्व अधिकारी, पशु चिकित्सा पदाधिकारी के बाद 9469 स्वास्थ्य कर्मियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया। एक तरफ सरकार अपनी उपलब्धि को गिना रही है वहीं विरोधी दल बीजेपी इसे लेकर बीजेपी नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है। बीजेपी सांसद व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि जो नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है उसकी प्रक्रिया एनडीए सरकार के समय पूरी हो चुकी थी। उस समय के नियुक्ति पत्रों को बांटकर नीतीश सरकार युवाओं को ठगने का काम कर रही है।
सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से यह पूछा कि कैबिनेट की कई बैठके हुई लेकिन 10 लाख नौकरी देने के वादों पर काम नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि 10 लाख नौकरी का क्या हुआ? बिहार में कितने पद भरे गये और कितने लोगों की नौकरी स्थायी की गयी? अभी बिहार सरकार में स्थिति यह है कि 4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को दो महीने से वेतन सरकार नहीं दे पा रही है यही नहीं यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को भी वेतन और पेंशन का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में नीतीश सरकार 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी कैसे दे पाएगी? उन्होंने कहा कि नियुक्ति पत्र बांटने की नौटंकी करने से ज्यादा जरूरी है शिक्षकों को वेतन देना, ताकि वे दीवाली और छठ जैसे महापर्व मना सकें।