Bihar Election 2025 : पहले चरण में उच्च शिक्षाधारी उम्मीदवारों का दबदबा, इंजीनियर, डॉक्टर, पीएचडी और डी-लिट शामिल; जानिए कितने पढ़े -लिखें हैं आपके नेता Bihar Assembly Elections 2025 : पहले चरण में भाजपा के बड़े चेहरे दांव पर, तय होगी 11 मंत्रियों की प्रतिष्ठा Bihar News: छठ पर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, इस महानगर से बिहार के लिए दर्जनों विशेष ट्रेनों का ऐलान Bihar Assembly Election 2025 : IRCTC होटल मामले में लालू-राबड़ी-तेजस्वी पर CBI की जांच तेज, अगले हफ्ते से शुरू होगा ट्रायल Indian Railways: रेलवे ने बदल दिया यह नियम, ट्रेन में आरामदायक सफर के लिए जानें पूरी डिटेल Bihar Election 2025 : 14 पूर्व सांसद विधायक बनने के लिए मैदान में उतरे, जानिए किस पार्टी ने दिए सबसे ज्यादा टिकट; क्यों अपनाई यह रणनीति Bihar Election 2025 : वाह नेता जी वाह : चुनाव में बाजी मारने के लिए जनता के बीच घड़ी बंटवाने लगे मिथांचल वाले मंत्री जी ! अब आयोग लेगा एक्शन; क्या बढ़ जाएगी मुश्किलें ? Bihar News: बिहार में यहां 2 नई रेलवे लाइनें बिछाने की तैयारी, खर्च होंगे कुल ₹4879 करोड़ Bihar News: छठ में घर आना हुआ मुश्किल, ट्रेन में नहीं मिल रही सीट; जानिए रेलवे ने क्या कहा Bihar News: बिहार में इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए सरकार ने जारी किए ₹472 करोड़, स्थानीय लोगों में ख़ुशी की लहर
1st Bihar Published by: Updated Tue, 18 Aug 2020 07:53:49 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्षों के लिए राज्य सरकार ने नई सेवाशर्त नियामवली को पारित कर दिया. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिए गए इस बड़े निर्णय को विपक्ष द्वारा इसे चुनावी लॉलीपॉप बताया जा रहा है. नेता ही नहीं नियोजित शिक्षकों को भी सरकार का निर्णय पसंद नहीं आ रहा है. टीईटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने कला दिवस के दिन पूरे राज्य में सीएम, डिप्टी सीएम का पुतला और नई सेवाशर्त नियमावली की प्रति जलाने का एलान किया है.
टीईटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने कहा कि सरकार ने चुनावी लॉलीपॉप देकर उनके साथ छलावा किया है. सरकार ने न तो उन्हें न राज्यकर्मी, न सहायक शिक्षक का दर्जा और न ही पूर्ण वेतनमान ला लाभ दिया है. नया सेवा शर्त टीईटी एसटीइटी शिक्षकों के लिए शोषण का पुलिंदा है. उन्होंने कहा कि कला दिवस के दिन पूरे राज्य में सीएम, डिप्टी सीएम का पुतला और नई सेवाशर्त नियमावली की प्रति जलाएंगे.
टीएसयूएनएसएस ने कहा कि सेवा शर्त निर्धारण में आरटीई , एनसीटीई, संविधान और सुप्रीम कोर्ट का खुलम खुला उल्लंघन किया गया. देश के किसी भी महिला कर्मी को 2 साल के शिशु देखभाल अवकाश और किसी भी कर्मी के ग्रेजुएटी जैसे संवैधानिक लाभ से भी वंचित किया गया. पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण से वंचित रखा गया है. उन्होंने ये भी कहा कि अर्जिता अवकाश 300 दिन संचय की जगह 120 दिन संचय का ही मौका दिया गया और बीमा से भी वंचित रखा गया है.
गोपगुट ने एलान किया कि सड़क से लेकर न्यायालय तक मजबूती से इस नए सेवाशर्त का विरोध करेंगे. 19 अगस्त को प्रदेशभर में काला दिवस मनाया जायेगा. आपको बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार के इस फैसले से नियोजित शिक्षकों को कई लाभ मिलने जा रहे हैं. सरकार के इस फैसले के मुताबिक अगले साल अप्रैल महीने से देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस प्रकार नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्षों के वेतन में ईपीएफ स्किम के साथ 20 प्रतिशत से अधिक की वेतन वृद्धि होगी.
बिहार में फिलहाल लगभग साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षक हैं. वेतन वृद्धि होने के बाद लगभग 2765 करोड़ का बोझ सरकार के खजाने पर आएगा. दिव्यांग नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयध्यक्षों को ट्रांसफर का भी अवसर मिलेगा. अंतर नियोजन के तहत अन्य शिक्षकों को भी यह लाभ मिलेगा. उच्च माध्यमिक शिक्षक के 50 प्रतिशत सीट पर सीधी भर्ती की जाएगी. 50 प्रतिशत पदों को माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन से भरा जायेगा. प्रधानाध्यापक का पद सृजित करते हुए माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्रोन्नति दी जाएगी.
नियोजित शिक्षकों के लिए पहले से तय छुट्टियों में भी बढ़ोतरी की गई है. मातृत्व अवकाश के लिए पहले महिला शिक्षक को 135 दिनों की छुट्टी दी जाती थी. जिसमें बढ़ोतरी करते हुए शुरू के दो संतानों के लिए अब 180 दिन कर दिया गया है. पहले पितृत्व अवकाश नहीं दिया जाता था. लेकिन अब सरकार ने नियोजित शिक्षकों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है. इससे पहले 7 सालों की सेवा के बाद ही अवैतनिक अध्ययन अवकाश दी जाती थी. लेकिन अब 3 साल की न्यूनतम सेवा के बाद ही शिक्षक इसका लाभ ले पाएंगे.
शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के सेवा काल में मृत्यु होने की स्थिति में वर्तमान में शिक्षक के पद पर नौकरी देने का प्रावधान है. इस पद पर बहाली के लिए बीएड, डीएलएड और टीईटी पास होना अनिवार्य है. कई आश्रितों द्वारा यह पूरा नहीं किये जाने के कारण अनुकंपा के आधार पर भर्ती में कठिनाई होती है. जिसे देखते हुए आश्रितों को मिडिल स्कूल में विद्यालय सहायक और विद्यालय परिचारी के पद पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी.