PATNA: मगध क्षेत्र में सालोंभर पानी की उपलब्धता बनाए रखने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने 'गंगा उद्वह परियोजना' की शुरूआत की है। इस योजना के तहत अबतक नालंदा के राजगीर, गया और नवादा में गंगा का शुद्ध पानी पहुंचाया जा चुका है। सरकार का दावा है कि आने वाले समय में पूरे मगध क्षेत्र में हर घर को गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा। इसी बीच विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार की इस योजना पर सवाल उठा दिया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार लोगों को लुभाने के लिए योजना तो अच्छा बनाते हैं लेकिन बाद में उस योजना की दुर्गति हो जाती है। उन्होंने कहा है कि सरकार का दावा कितना सफल होगा यह समय बताएगा। उन्होंने कहा कि गंगा जल की जरूरत अंतिम समय में पड़ती है। महागठबंधन की सरकार का अंतिम समय नजदीक है और जल्द ही बिहार की जनता नीतीश को गंगा जल पिलाने का काम करेगी।
विजय सिन्हा ने महागठबंधन की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार नीति तो आकर्षक बनाते हैं लेकिन बाद में उसका क्या हश्र होता है यह सभी को पता है। नीतीश कुमार कहते हैं कि मगध के क्षेत्र में गंगा जल पहुंचाएंगे लेकिन यह कितना सफल होगा यह आने वाला समय ही बताएगा। बिहार में हर घर नल का जल योजना मजाक का कारण बन गया है और इस योजना के नाम पर जमकर लूट हुई। तीन जिलों में गंगा जल पहुंचाने के लिए चार हजार करोड़ रुपए पानी की तरह बहाए गए। सरकार के भ्रष्ट पदाधिकारी नीतीश कुमार के मन में जिस योजना के बारे में कहते हैं और नीतीश कुमार जनता का हजारों करोड़ रुपया बर्बाद कर देते हैं। नीतीश कुमार सिर्फ अपने अहंकार को पूरा करने के लिए जनता के पैसौं को बर्बाद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस पैसे का अगर शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने में इस्तेमाल किया गया होता तो शिक्षा की बदहाली को दूर किया जा सकता था। बिहार में शिक्षा व्यवस्था के अंदर घोर अराजकता है जिसे नीतीश कुमार संभाल नहीं पा रहे हैं। हर घर का नल जल पूरी तरह से फेल्योर हो गया, लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है लेकिन इसके बाद अब नीतीश कुमार लोगों को गंगा जल पिलाने की बात कह रहे हैं। गंगा जल की जरूरत अंतिम समय में पड़ती है। महागठबंधन की सरकार का अंतिम समय आ गया है और जनता अंतिम समय में गंगा जल देने का काम करेगी। बिहार से महागठबंधन की विदाई तय है। आरजेडी में विलय के बाद जेडीयू का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। न तो जेडीयू का नाम रहेगा और ना ही तीर छाप का निशान ही बच पाएगा।
वहीं बिहार में निकाय चुनाव में हो रही देरी पर विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश सरकार की गलत नीति के कारण बिहार में निकाय चुनाव पर रोक लगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अतिपिछड़ों के नाम पर जातिय उन्माद फैलाने की कोशिश किया था लेकिन सरकार की कोशिश विफल हो गई। लोग अच्छी तरह से जान चुके हैं कि सरकार के कारण बिहार में निकाय चुनाव रूका। चुनाव रद्द होने के बावजूद अभी तक आचार संहिता लागू है, जिसके कारण विकास के काम बाधित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पुराने चुनाव को रद्द कर फिर से नोटिफिकेशन निकाले। बिहार की जनता को बरगलाने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसकी समीक्षा करनी होगी की देश के पैमाने पर बिहार कहां खड़ा है।