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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 13 Aug 2024 11:26:02 AM IST
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PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किया गया है। इससे अब राज्य के अंदर एक ख़ास समाज वर्ग को पहले की तरह अधिक आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। अब उन्हें आरक्षण से मिलने वाले लाभ में थोड़ी कमी महसूस होगी। लेकिन, अभी भी यह आरक्षण के दायरे में रहेंगे।
दरअसल, बिहार सरकार ने तांती, तंतवा जाति को अनुसूचित जाति (एससी) से बाहर करके इसे फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस जाति को अनुसूचित वर्ग (एससी) से बाहर करने का आदेश दिया था। इसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अधिसूचना जारी कर तांती समाज को फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है।
जानकारी हो कि साल 2015 में तांती और तंतवा जाति को ईबीसी से बाहर कर एससी में शामिल किया गया था। जिसके बाद इसके खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इनको अनुसूचित जाति से बाहर करके अति पिछड़ा में रखा जाए। इसके बाद अब कोर्ट के आदेश के अनुसार बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है।
राज्य सरकार द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि तांति और तंतवा जाति को 1 जुलाई 2015 को पान और स्वासी जाति में समायोजित किया गया था। इसके बाद तांति समाज को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलने लगा। हालांकि, भीमराव अंबेडकर विचार मंच की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस मामले में सुनवाई करते हुए 15 जुलाई 2024 को शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार की साल 2015 वाली अधिसूचना को रद्द करने का आदेश सुनाया।
आपको बताते चलें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को तांती समाज को एससी वर्ग से हटाकर फिर से अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत राज्य सरकार ने फिर से तांती और तंतवा जाति को अति पिछड़ा वर्ग में डाल दिया है। आगामी भर्तियों में अब इस समाज को ईबीसी कैटगरी के अनुरूप आरक्षण दिया जाएगा।