नीतीश ने खुद चुना है गलत रास्ता, प्रशांत किशोर बोले- चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा महागठबंधन

नीतीश ने खुद चुना है गलत रास्ता, प्रशांत किशोर बोले- चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा महागठबंधन

SIWAN: जेडीयू में मचे घमासान के बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि सात सियासी दलों का महागठबंधन आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा। सात दलों का महागठबंधन चलना पूरी तरह से नामुमकिन है,तीन महीनों के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई है। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। 2020 में मुख्यमंत्री बनने से मना किया था लेकिन नीतीश बात नहीं मानें। बिना विधायकों की संख्या के सीएम बनिएगा तो अपमान तो सहना ही पड़ेगा।


दरअसल, प्रशांत किशोर जन सुराज यात्रा के दौरान सीवान के विभिन्न पंचायतों का दौरा कर रहे हैं और सरकार की कमियों को लोगों से बता रहे हैं। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन खंड-खंड हो जाएगा। आज सात दलों को महागठबंधन है लेकिन आने वाले चुनाव तक ये सातों दल एक साथ नहीं रहेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने खुद कई गठबंधन कराए हैं और उसे सामने से देखा है।


उन्होंने कहा कि साल 2015 में नीतीश और तेजस्वी ने नहीं बल्कि खुद मैंने महागठबंधन बनाया था। सात दलों के महागठबंधन को एक साथ लेकर चलना पूरी तरह से नामुमकिन है। तीन महीने के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई। उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ दी। महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों के बीच आए दिन विवाद हो रहे हैं। किसी भी हाल में ये व्यवस्था नहीं चल सकती है। वहीं किसान समागम में नीतीश को तेजस्वी द्वारा इंतजार करवाने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। बिना विधायकों की संख्या के मुख्यमंत्री बनिएगा तो अपमान तो सहना ही पड़ेगा।


प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जब परिणाम आए तब ही इस बात को कहा था। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने नीतीश से कहा था कि अगर जनता ने आप पर विश्वास नहीं जताया है तो मुख्यमंत्री मत बनिए लेकिन महज 43 विधायक होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन गए। नीतीश कुमार पहले कह रहे थे कि बीजेपी के लोग उनकी पार्टी तोड़ रहे है, थोड़े दिन के बाद नीतीश कहेंगे कि आरजेडी के लोग उनकी पार्टी को तोड़ रहे हैं।