PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आई. जेडीयू पार्टी में दलित नेताओं के मान-सम्मान को लेकर राजद नेताओं की ओर से कही गई सारी बातों जेडीयू के नेता चुनौती दे रहे हैं. जेडीयू कोटे से नीतीश कैबिनेट में शामिल दलित मंत्रियों की ओर से पटना में प्रेस कांफ्रेस किया जा रहा है. इस प्रेस कांफ्रेंस में जेडीयू के नेताओं ने सीएम नीतीश को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी बताया है.
पटना जेडीयू कार्यालय में नीतीश सरकार के चार मंत्री अशोक चौधरीम संतोष निराला, महेश्वर हजारी और रमेश ऋषि प्रेस वार्ता कर रहे हैं. विपक्ष द्वारा बिहार सरकार को दलित समाज का विरोधी बताने पर ये मंत्री सरकार का पक्ष रख रहे हैं. जदयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कल्याण विभाग के 40 करोड़ का बजट 16 करोड़ हो गया है. पिछड़ों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए चिठ्ठी लिखी गई है.
अशोक चौधरी ने कहा कि पंचायती राज में दलितों को नया नेतृत्व देने का काम नीतीश सरकार ने किया है. हजारों सालों से दबे कुचलों को नेतृत्व देने का काम जेडीयू ने किया है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने ही महादलित जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया था. दलितों का उत्थान सबसे ज्यादा नीतीश कुमार ने किया है.
नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि बिहार का सबसे प्रतिष्ठत पद बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का पद नीतीश कुमार ने 10 साल तक उदय नारायण चौधरी को दिया है. उदय नारायण चौधरी जो दलित संमाज से हैं, उन्हें दो बार विधानसभा अध्यक्ष का पद उन्हें दिया गया है. बिहार में दलित समाज के लोग नीतीश सरकार के साथ हैं, इसबार विधानसभा में 200 सीट से ऊपर हम जीतेंगे.