नीतीश जानते थे विधायक भाग रहे हैं, BJP का खेल बस देखते रह गए

1st Bihar Published by: Updated Sat, 26 Dec 2020 02:11:57 PM IST

नीतीश जानते थे विधायक भाग रहे हैं, BJP का खेल बस देखते रह गए

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PATNA : अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड के विधायकों का पाला बदल बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्ते में खटास की वजह माना जा रहा है. माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड या उसके नेता नीतीश कुमार भले ही इस मसले पर खुद कोई प्रतिक्रिया ना दें लेकिन अंदर ही अंदर नीतीश बीजेपी के फैसले से नाराज हैं. खुद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का बयान इस बात की पुष्टि करता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि अरुणाचल प्रदेश में विधायकों के पाला बदल की जानकारी नीतीश कुमार को नहीं थी. नीतीश कुमार इस बात को भलीभांति जान रहे थे कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के विधायकों के साथ कौन सा खेल खेलने जा रही है. बावजूद इसके कुछ भी नहीं कर पाए.




जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता अफाक आलम ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में खुद इस बात की पुष्टि की है. अफाक आलम ने कहा है कि जनता दल यूनाइटेड के विधायक के अरुणाचल में पाला बदलने वाले हैं. इसकी जानकारी नेतृत्व को हो चुकी थी, यही वजह है कि पार्टी के तीन विधायकों को निलंबित भी किया गया था. अफाक आलम ने कहा है कि पार्टी ने दल विरोधी गतिविधियों में शामिल विधायकों को शो कॉज नोटिस भी जारी किया लेकिन हम पार्टी के विधायकों को पाला बदल से रोक नहीं पाए.


अफाक आलम का यह बयान बताता है कि वाकई अरुणाचल प्रदेश में हुए घटनाक्रम को लेकर नीतीश कुमार कितने बेबस थे. एक तरफ बिहार में एनडीए की जीत के बाद वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थे तो वहीं दूसरी तरफ अरुणाचल में बीजेपी उनके विधायकों को तोड़कर अपने साथ ले जा रही थी. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या इस मसले पर नीतीश कुमार ने पहले कभी बीजेपी के बड़े नेताओं से बातचीत की या नहीं क्या जेडीयू ने अपने विधायकों को बचाने के लिए बीजेपी से संवाद स्थापित किया या फिर बिहार के लिए उसने अरुणाचल में अपनी पहचान खत्म हो जाने दी.


ऐसे में सियासी गलियारे में ये चर्चा है कि क्या सच में नीतीश कुमार को इस बात की जानकारी थी कि बीजेपी उनके पीठ पीछे अरुणाचल में ऐसा कुछ कर रही है. अगर वो भारतीय जनता पार्टी के इस कदम का नीतीश विरोध करते तो उन्हें इसका खामियाजा बिहार में भुगतना पड़ता. शायद उनके लिए एक बार फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठना भी इतना आसान नहीं होता.