नीतीश को थैंक्यू कहने गये आनंद मोहन को मिल गया रिहाई के बाद का टास्क? जानिये नीतीश से मिलने गये तो क्या मिला निर्देश?

नीतीश को थैंक्यू कहने गये आनंद मोहन को मिल गया रिहाई के बाद का टास्क? जानिये नीतीश से मिलने गये तो क्या मिला निर्देश?

PATNA: देशभर में विरोध के बावजूद डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी आनंद मोहन को जेल से रिहा कराने वाले नीतीश कुमार ने अब बाहुबली नेता को टास्क दे दिया है. सूत्रों के हवाले से ऐसी ही खबर सामने आ रही है. आनंद मोहन आज नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. सीएम आवास में चाय-नाश्ते के साथ उनका स्वागत हुआ और फिर काम की बातें भी हुई. आधे घंटे से ज्यादा समय तक आनंद मोहन सीएम के साथ बैठे।


मुलाकात में क्या हुई बात

इस बारे में सीएम हाउस से कोई जानकारी नहीं दी गयी है. लेकिन आनंद मोहन ने मीडिया से बात की है. आनंद मोहन ने एक टीवी चैनल को बताया कि वे शिष्टाचार के नाते नीतीश कुमार से मिलने गये थे. वहां काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में उनकी नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. आनंद मोहन से जब ये पूछा गया कि क्या कोई राजनीतिक बात भी हुई तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।


आनंद मोहन को मिल गया टास्क

लेकिन सूत्रों के हवाले से कुछ और ही जानकारी सामने आ रही है. आनंद मोहन को जेडीयू की ओर से टास्क दे दिया गया है. आनंद मोहन के एक करीबी नेता ने बताया कि मैसेज साफ साफ मिला है. वह ये है कि देश भर में विरोध के बावजूद आपको रिहा कराया है तो उसका रिजल्ट मिलना चाहिये. जेडीयू नेतृत्व की ओऱ से ये भी कहा गया है कि बीजेपी ने आपकी रिहाई का विरोध किया फिर भी हमने रिहा कराया. अब अगले लोकसभा चुनाव में इसका असर दिखे ये बंदोबस्त करिये।


जेडीयू के लिए माहौल बनायेंगे आनंद मोहन

आनंद मोहन के करीबी नेता ने बताया कि ये तय हो गया है कि आनंद मोहन जेडीयू के पक्ष में और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनायेंगे. वे अभी से ही बिहार के अलग अलग जिलों का दौरा करने में लग गये हैं. आनंद मोहन जहां भी जा रहे हैं वहां बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं. सहरसा की एक मीटिंग में उन्होंने कहा कि मैं वह हाथी हूं जो कमल दल को रौंद देगा-तोड़ देगा. आनंद मोहन अपनी बैठकों और सभाओं में जेडीयू नेताओं के साथ दिख भी रहे हैं।


इसके साथ ही आनंद मोहन ने नवंबर में पटना में रैली करने और दस लाख लोग जुटाने का एलान किया है. हालांकि आनंद मोहन के पास दस लाख लोग जुटाने की ताकत है इस पर ज्यादातर सियासी जानकारों को भारी संदेह है. वे अपने स्वजातीय लोगों के एक वर्ग में अभी भी लोकप्रिय हैं. लेकिन समाज के किसी दूसरे वर्ग पर उनका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।


लेकिन जेडीयू को उम्मीद है कि राजपूत तबके का जो वोट बीजेपी को मिलता रहा है आनंद मोहन उसमें सेंध लगा देंगे. अगर अपनी जाति के वोटरों में बंटवारा करा देते हैं तो भी बीजेपी को अच्छा खासा नुकसान होगा और जेडीयू को फायदा हो सकता है. आनंद मोहन को यही टास्क मिला है. लेकिन इसमें वे कहां तक सफल हो पायेंगे ये फिलहाल कहना मुश्किल है।