DESK: देश भर में विपक्षी एकता कायम करने का दावा कर रहे नीतीश कुमार की मुहिम की पहले ही हवा निकलनी शुरू हो गयी है. बंगाल में ममता बनर्जी से कांग्रेस के इकलौते विधायक को तोड़ कर अपनी पार्टी में मिला लिया. अब कांग्रेस ने तीखे तेवर दिखा दिये हैं. कांग्रेस के पूरी पंजाब यूनिट ने अपने आलाकमान से कहा है-अरविंद केजरीवाल प्लेग है. वे पक्का धोखा देंगे. उनसे हर हाल में दूर रहना चाहिये. विपक्षी एकता की बैठक से पहले छिड़े घमासान से कांग्रेस में बेचैनी है.
पंजाब विधान सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मीडिया से बात करते हुए कहा-हमे आलाकमान से कह दिया है. अरविंद केजरीवाल नाम के प्लेग से दूर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल राजनीति का प्लेग है और कुछ नहीं. हमारी पूरी पंजाब कांग्रेस ने आलाकमान को कहा है कि इस आदमी से जितना दूर रहियेगा उतना अच्छा है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी सिर्फ और सिर्फ बीजेपी की बी टीम है.
पंजाब कांग्रेस ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल विपक्षी खेमे में सिर्फ इसलिए शामिल हुए हैं कि वह विपक्षी एकता को तोड़ सकें. जब विपक्षी एकता का बैलून पूरी तरह से फूल जायेगा तो ये व्यक्ति उसमें पिन मार देगा. हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है. कांग्रेस की विपक्षी एकता में अरविंद केजरीवाल के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिये. वैसे भी अरविंद केजरीवाल की जो कुछ भी सियासी पूंजी है वह दिल्ली और पंजाब में है. हमें दोनों जगहों पर अकेले लड़ना चाहिये.
उधर दिल्ली में कांग्रेस नेता अजय माकन खुले तौर पर अरविंद केजरीवाल के साथ किसी भी तरह के तालमेल का विरोध कर चुके हैं. अजय माकन और दिल्ली कांग्रेस भी अपने नेतृत्व से कह चुके हैं कि अरविंद केजरीवाल से किसी सूरत में समझौता नहीं करना चाहिये. अपनी प्रदेश इकाईयों के खुले विरोध के बाद ही राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल को मिलने का समय नहीं दिया था.
जेडीयू में बेचैनी
उधर, अपनी मुहिम में पहले ही पलीता लगते देख नीतीश कुमार के खेमे में बेचैनी है. जेडीयू ने कांग्रेस से अपने नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और केसीआर जैसे नेता गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने में लगे थे. लेकिन नीतीश कुमार ने ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे समेत तमाम नेताओं से मुलाकात में ये समझाया कि कांग्रेस को साथ लिए बगैर बीजेपी का मजबूत विकल्प नहीं बन सकता.
केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन नेताओं को विपक्षी एकता की मुहिम में जुड़ने के लिए तैयार किया जिनसे कांग्रेस की कोई बातचीत नहीं हो रही थी. नीतीश कुमार की कोशिशों के कारण ही 12 जून को विपक्षी एकता की पहली बैठक में कांग्रेस के साथ-साथ ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे समेत दूसरे नेताओं ने शामिल होने की स्वीकृति दी है. त्यागी ने कहा कि जब नीतीश कुमार सबको साथ लाने में लगे हैं, तब कांग्रेस के नेताओं का विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ बोलना सही नहीं है. कांग्रेस को ऐसे नेताओं को रोकना चाहिए.