नीतीश सख्त हुए तो बिहार में कोरोना के आंकड़े बढ़ने लगे, मुस्तैदी से की जाने लगी है जांच

नीतीश सख्त हुए तो बिहार में कोरोना के आंकड़े बढ़ने लगे, मुस्तैदी से की जाने लगी है जांच

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कोरोना जांच और टीकाकरण को लेकर सख्त रुख अपनाया था। नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को इस मामले पर एक्टिव रहने के लिए कहा तो उसका असर भी दिखने लगा है। सीएम की मुस्तैदी का ही असर है कि बिहार में अब एक बार फिर से कोरोना के आंकड़े बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ विभाग के सक्रियता का ही असर है कि पहले से ज्यादा संक्रमित अब बिहार में मिलने लगे हैं। 


कोरोना जांच अभियान के तहत मंगलवार को पटना में 17 समेत राज्यभर में 26 नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई। पिछले 24 घंटे में राज्य में 1 लाख 33 हजार 19 सैंपल की कोरोना जांच की गयी। राज्य में कोरोना संक्रमण की मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गए। संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 0.020 प्रतिशत दर्ज की गयी। इस दौरान राज्य में 17 कोरोना संक्रमण 98.50 फीसदी रही। इस दौरान किसी भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई। राज्य में कोरोना के 135 सक्रिय मरीज इलाजरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पटना के अतिरिक्त गया, मधेपुरा में 2-2, खगड़िया, सहरसा, समस्तीपुर, सारण और पश्चिमी चंपारण एक एक मरीज मिले।


दिल्ली-मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पटना के अस्पतालों की तैयारी पुख्ता की जाने लगी है। स्वास्थ्य विभाग ने पीएमसीएच को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने अस्पतालों में कोरोना की तैयारियों से संबंधित समीक्षा की। अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने बताया कि 35 बेड का कोविड वार्ड तैयार है। इसमें 18 आईसीयू बेड गंभीर मरीजों के लिए तैयार हैं। ऑक्सीजन आपूर्ति से लेकर दवाइयों की भी पूरी व्यवस्था पीएमसीएच में है। कहा 20 केएल क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। अगले एक सप्ताह में 20 केएल का एक और क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा।


विभागीय समीक्षा में जहानाबाद में कोरोना जांच व कोविड टीकाकरण में बरती जा रही लापरवाही के कारण रतनी फरीदपुर और सिकरिया प्रखंडों में स्थित अस्पतालों के चिकित्सा पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से विभागीय मुख्यालय में तलब किया गया और जहानाबाद के सिविल सर्जन को जमकर फटकार लगायी गयी। इसके साथ ही भोजपुर के सिविल सर्जन को भी जांच नहीं बढ़ाने पर कार्रवाई करने की सख्त हिदायत दी गयी।