PATNA : बिहार में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नीतीश कुमार भले ही दिन-रात मशक्कत कर रहे हो लेकिन नीतीश के सुशासन पर उनके विरोधी सवाल उठाने से बाज नहीं आ रहे. शिवसेना ने अब नीतीश कुमार के सुशासन पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना में बिहार के अंदर आपराधिक घटनाओं को लेकर एक संपादकीय प्रकाशित किया गया है. संपादकीय में बताया गया है कि बिहार में आईपीएस के भाई की भी हत्या हो जाती है, बंदूक की नोक पर दसवीं में पढ़ने वाली लड़की के साथ बलात्कार किया जाता है और पुलिस के पास मामला पहुंचता है तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता.
बिहार में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय प्रकाशित हुआ है. इसमें मुजफ्फरपुर में एक शिक्षक के 22 साल के बेटे की हत्या की घटना का भी जिक्र किया गया है. सामना में लिखा गया है कि इस घटना में चौंकाने वाली बात यह है कि मृतक का चचेरा भाई एक आईपीएस अधिकारी है. एक आईपीएस के भाई की हत्या जैसी घटना को अंजाम देने से पहले भी अपराधी नहीं डरते हैं तो बिहार में कानून का हाल क्या है इसे समझा जा सकता है.
मुजफ्फरपुर में पिछले दिनों में 22 साल के एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. दबंगों ने घर में घुसकर पढ़ाई कर रहे आशुतोष को पहले जमकर पीटा और फिर उसके हाथ पैर और प्राइवेट पार्ट में प्लास्टिक की रस्सी बांधकर उसी के घर में लटका दिया. कुछ दिन पहले पड़ोस के किसी दबंग परिवार से आशुतोष के परिवार का झगड़ा हुआ था. सामना में प्रकाशित संपादकीय में बिहार की कई अपराधिक घटनाओं का जिक्र किया गया है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि बिहार के मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि भागलपुर, जहानाबाद, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, गोपालगंज या फिर राजधानी पटना में हर दिन अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और बिहार के अंदर अपराध के आंकड़े यूपी से रेस लगा रहे हैं. शिवसेना ने क्राइम को लेकर बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और साथ ही साथ नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी दोनों से कहा है कि उन्हें जमीनी हकीकत से कोई सरोकार नहीं है.