नीतीश के लिए सीर दर्द बने कुशवाहा : चेतावनी के बाद भी कर रहे बैठक, बोले- JDU को बचाने पर हो रहा मंथन

नीतीश के लिए सीर दर्द बने कुशवाहा : चेतावनी के बाद भी कर रहे बैठक, बोले- JDU को बचाने पर हो रहा मंथन

PATNA : जेडीयू से बगावत पर उतरे नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आज से आर पार की लडाई छेड़ दिया है। पार्टी से लाख मनाही के बाद भी उपेंद्र कुशवाहा ने आज राजधानी पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में पार्टी के कार्यकर्ता और कुछ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। इसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य भर के जेडीयू कार्यकर्ताओं को उन्हें पटना बुलाया है। दो दिनों तक उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति फाइनल करेंगे। 


दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार दोपहर जेडीयू नेताओं के साथ बैठक शुरू दी है। ये बैठक पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में हो रही है। जहां जेडीयू के भविष्य को लेकर 2 दिन तक मंथन किया जाएगा। इस दौरान जेडीयू कार्यकर्ता और नेताओं को मंथन के लिए बुलाया गया। वहीं, बैठक की शुरुआत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू को बचाने और उसकी मजबूती पर चर्चा करेंगे। जो सभी साथियों की राय होगी उसी के मुताबिक फैसला होगा। वहीं, आरजेडी के साथ हुई डील पर उपेंद्र कुशवाहा वापस से नाराज दिखे।


वहीं, इस  बैठक में जो पोस्टर लगाया गया उसमें कुशवाहा के अलावे नीतीश कुमार, स्व जार्ज फर्नांडिस और स्व शरद यादव की फोटो दिखी। लेकिन, इस पोस्टर में कही भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को जगह नहीं दी गई। इसके आलावा उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से इस बैठक में यह बातें दोहराई है कि,पार्टी कमजोर हो रही। पार्टी को मजबूती देने के लिए 19-20 फरवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पटना बुलाया गया है।


मालूम हो कि, कुशवाहा ने कुछ दिन पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र लिखा था। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी चिट्ठी में लिखा, प्रिय साथियों, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज और रोज कमजोर होती जा रही है। महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं। समय-समय पर पार्टी की बैठकों में ही में भी मैंने अपनी बातें रखी है। विगत एक डेढ़ महीने से मैंने हर संभव तरीके से इस ओर कोशिश की है कि अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके।


मेरी कोशिश आज भी जारी है। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है। बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है। मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा? जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है।


आपको बताते चलें कि, कुशवाहा बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को कमजोर किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी कह रहे हैं कि मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। कुशवाहा बार-बार महागठबंधन में जाने से पहले जेडीयू की डील की भी बात कर रहे हैं। आखिर ये डील क्या हुई है। ये किसी नहीं पता।