DESK: चुनावी रणनीतिकार व जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर एक साथ हमला बोला। कहा कि शाह ने नीतीश के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद तो कर दिया था लेकिन वे दरवाजे में कुंडी लगाना भूल गये। जिसके कारण राजद से अलग होकर नीतीश कुमार बीजेपी के दरवाजे में समां गये हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले भी नीतीश और जेडीयू के साथ आ गये हैं। अमूमन तेजस्वी का भी वही हाल है। पहले नीतीश को तेजस्वी पलटूराम बताते थे लेकिन जैसे ही नीतीश ने उन्हें डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बिठाया तेजस्वी उन्हें विकास पुरुष कहने लगे। पहले तेजस्वी को शराब में माफियागिरी दिख रही थी लेकिन जब उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया तब तेजस्वी को नीतीश में अपना राजनीतिक गुरु दिखने लगा।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि नीतीश कुमार पलटूराम हैं, लेकिन अभी कुछ दिन पहले जो कुछ हुआ उससे तो यह भी पता चल गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह उन्हीं के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
पीके ने कहा कि अमित शाह बीते दिनों जब बिहार आए थे तब एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि एक-एक आदमी कान खोलकर सुन लीजिये.. नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं। लेकिन मौजूदा समय में मजाक क्या हो रहा है? मजाक यह हो रहा है कि अमित शाह ने दरवाजा तो ठीक से बंद किया था पर कुंडी लगाना भूल गए।