PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद भारतीय जनता पार्टी पर अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी आंखें तरेर दी हैं। पेगासस जासूसी कांड को लेकर पहले नीतीश ने बीजेपी को बैकफुट पर धकेला तो अब जीतन राम मांझी भी सामने आ गए हैं। जीतन राम मांझी ने कहा है कि अगर विपक्ष किसी मामले की जांच की मांग कर रहा है और इसके कारण संसद का काम प्रभावित हो रहा है तो यह मामला बेहद गंभीर है। मांझी ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पेगासस जासूसी मामले की जांच करा लेनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि जांच से देश को भी पता चल जाएगा कि कौन किन लोगों की जासूसी करवा रहे थे।
पेगासस जासूसी कांड को लेकर संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से सियासत गरम है। विपक्ष संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा लेकिन अब तक के जीतन राम मांझी ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी थी। सोमवार को नीतीश कुमार ने जैसे ही पेगासस जासूसी कांड की जांच कराने की जरूरत बताई, वैसे ही आज मांझी भी इसके समर्थन में उतर आए। जीतन राम मांझी अब तक नीतीश कुमार की पॉलिटिकल लाइन के मुताबिक ही एनडीए में राजनीति कर रहे हैं। एनडीए में होने के बावजूद मांझी नीतीश के साथ कई मुद्दों पर खड़े नजर आए हैं। एक बार फिर उन्होंने पेगासस जासूसी कांड को लेकर नीतीश का समर्थन और बीजेपी का विरोध कर दिया है। नीतीश कुमार हो या जीतन राम मांझी दोनों ने पेगासस जासूसी कांड की जांच कराने की बात ऐसे वक्त में कही है जब खुद बीजेपी इस मांग को खारिज कर चुकी है।
नीतीश के क्या कहा था?
पटना में सोमवार मीडिया ने नीतीश से पेगासस टेलीफोन टैपिंग पर नीतीश से सवाल पूछा. कहा-विपक्ष जांच की मांग कर रहा है. उनकी क्या राय है. जवाब में नीतीश बोले“बिल्कुल जांच होनी चाहिये. टेलीफोन टैपिंग की बात इतने दिनों से आ रही है तो इसमे बिल्कुल जांच हो जानी चाहिये. इस पर तो एक-एक चीज देखकर एक-एक बात को ध्यान में रख कर उचित कदम उठाना चाहिये. अगर किसी के फोन को कोई सुन रहा है या फिर उस कब्जा कर रख है तो पूरी बात आनी चाहिये. जब इतने दिनों से लोग बोल रहे हैं तो मेरी समझ से इसकी जांच कर ही लेनी चाहिये.”
किसी का फोन टैपिंग गलत
नीतीश कुमार ने कहा कि पूरी बात सामने आनी ही चाहिये. अगर किसी को परेशान करने के लिए फोन टैपिंग की जा रही है तो इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिये. इस मामले की जांच होनी ही चाहिये.
केंद्र सरकार पर भी सवाल
नीतीश से पत्रकारों ने कहा कि केंद्र सरकार जासूसी कराने के आऱोपों से इंकार कर रही है. नीतीश ने कहा कि सरकार इंकार कर रही है लेकिन अगर लोगों को इस बारे में मालूम है तो बात को रखना चाहिये. आखिरकार कैसे ये बाते आ रही हैं. अगर कोई फोन पर बात कर रहा है तो कैसे कोई उसे दूसरा जान जा रहा है. सारे पहलु की जांच होनी चाहिये.
बीजेपी को मुश्किल में डाल रहे नीतीश
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां ये आऱोप लगा रहा है कि इजरायल की कंपनी द्वारा बनाये गये पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कई राजेनता, पत्रकार, जज औऱ दूसरे प्रमुख लोगों के फोन की जासूसी की गयी. दुनिया के 17 मीडिया घरानों के एक संगठन ने पिछले महीने ये रिपोर्ट प्रकाशित की थी. पेगासस मामला सामने आने के बाद संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ जिसमें विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है. विपक्षी पार्टियां इस मामले की जांच संसदीय कमेटी या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग कर रही हैं.