DESK : इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच जयंत चौधरी की पार्टी ने एक बड़ा कदम उठा लिया है। रालोद ने सपा से बिल्कुल अलग रुख अख्तियार करते हुए भाजपा विधायकों के साथ 11 फरवरी को अयोध्या में रामलला का दर्शन करने जाने का फैसला लिया है।
दरअसल, विधानसभा स्पीकर के तरफ से अयोध्या चलने का न्योता सभी दलों को दिया गया। उसके बाद इस न्योता को जहां सपा ने ठुकरा दिया है, वहीं रालोद ने इसे स्वीकार कर लिया है। अयोध्या के प्रभारी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट मंत्रियों के साथ उसी दिन अयोध्या का दौरा करेंगे।
रालोद विधायक दल के नेता राजपाल बालियान ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि रामलला सभी के हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब हिंदुओं को गाली देना नहीं है। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल (व्यापारी प्रकोष्ठ) के नेता रोहित अग्रवाल ने कहा कि रालोद के सभी विधायक अयोध्या जाएंगे। इस दौरान स्पीकर सतीश महाना ही अयोध्या जाने वाले विधायकों के दल का नेतृत्व करेंगे।
आपको बताते चलें कि, यूपी में समाजवादी पार्टी विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल है। कांग्रेस और आरएलडी सपा के सहयोगी और राज्य में विपक्षी दल हैं। वे आमतौर पर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा का विरोध करते रहते हैं।