PATNA : सरकार में नीतीश बड़े या बीजेपी. ये सवाल कई लोगों के जेहन में अक्सर उठता रहता है. इसका जवाब बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री रामसूरत राय ने दे दिया है. शुक्रवार यानि 18 जून को ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर नीतीश कुमार के अधीन आने वाले विभाग ने पत्र जारी किया, उसी दिन मंत्री रामसूरत राय के विभाग ने ट्रांसफर पोस्टिंग की औऱ नीतीश कुमार के आदेश की धज्जियां उड़ा दी. इससे बिहार सरकार में चल रहे खेल की झलक भी मिल गयी.
ठेंगे पर सीएम का आदेश
बिहार सरकार का एक विभाग है सामान्य प्रशासन विभाग. इसके मंत्री खुद नीतीश कुमार हैं. 18 जून को सामान्य प्रशासन विभाग ने बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र जारी किया. पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत सरकार ने तय किया है कि स्थानीय प्रशासन में महिलाओं को 35 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाये. यानि सीओ, बीडीओ, एसडीएम औऱ थानेदार की ट्रांसफर पोस्टिंग में महिलाओँ की 35 फीसदी हिस्सेदारी तय होनी चाहिये.
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से खास तौर पर ये जानकारी मांगी कि सीओ यानि अंचलाधिकारी के पद पर कितनी महिलायें तैनात हैं. 18 जून को सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव जय शंकर प्रसाद ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि वे प्रतिवेदन दें कि सीओ के पद पर कितनी महिलाओँ की तैनाती की गयी हैं.
मंत्री रामसूरत राय ने दिखायी ताकत
जिस दिन सीएम के आदेश से संबंधित पत्र जारी हुआ यानि 18 जून को जब ये पत्र जारी हुआ ठीक उसी दिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 22 सीओ के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आदेश निकाल दिया. इस विभाग के मंत्री रामसूरत राय हैं जो बीजेपी कोटे से हैं औऱ बिहार भाजपा के सर्वे सर्वा माने जाने वाले भूपेंद्र यादव के खास बताये जाते हैं. मंत्री रामसूरत राय के विभाग ने जिन 22 सीओ का ट्रांसफर पोस्टिंग किया उसमें एक भी महिला नहीं है. यानि नीतीश कुमार के 35 फीसदी का फार्मूला तो छोडिये एक प्रतिशत भी प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.
ये वाकई दिलचस्प है कि जिस दिन सीएम का आदेश जारी हो ठीक उसी दिन कोई मंत्री उसे सीधे ठेंगा दिखा दे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ही सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग करता है. सीओ यानि अंचलाधिकारी को पोस्टिंग मंत्री की सहमति से ही की जाती है. जाहिर है 18 जून को 22 सीओ की पोस्टिंग मंत्री की मंजूरी से ही हुई होगी. कुल मिलाकर कहें तो माजरा ये है कि जिस दिन नीतीश का आदेश पहुंचा उसी दिन बीजेपी कोटे से मंत्री रामसूरत राय ने उसकी धज्जियां उडा दीं.