नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के मंत्री पद का शाह करेंगे फैसला ! दिल्ली में सम्राट और सिन्हा से मुलाकात के बाद हल हुआ मांझी का मुद्दा?

नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के मंत्री पद का शाह करेंगे फैसला ! दिल्ली में सम्राट और सिन्हा से मुलाकात के बाद हल हुआ मांझी का मुद्दा?

DELHI : बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दिल्ली दौरे पर हैं। अपने दिल्ली दौरे के दौरान बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा आज रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात किया। सम्राट चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि- वह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उनका मार्गदर्शन लेने के लिए दिल्ली आए हैं। बिहार में 2020 विधान सभा चुनाव के समय एनडीए गठबंधन की तरफ से जनता के साथ किए गए वादे को पूरा करना है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों उपमुख्यमंत्रियों की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।


भाजपा सूत्रों के अनुसार, शाह के साथ दोनों नेताओं की बैठक में बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार और आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर अहम चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान अमित शाह दोनों उपमुख्यमंत्रियों से एनडीए गठबंधन की मजबूती, तेजस्वी यादव के दावे को देखते हुए नीतीश सरकार के पास बहुमत होने और आगामी राज्य सभा चुनाव को लेकर राज्य के राजनीतिक हालात का फीडबैक लेकर दोनों नेताओं को अहम दिशा-निर्देश भी दे सकते हैं।


मालूम हो कि, शनिवार को नीतीश कुमार की कैबिनेट के मंत्रालयों का बंटवारा हो गया। इसके बाद अब मंत्रिमंडल के विस्तार की योजनाएं बन चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, नीतीश का मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा नेताओं को जगह दिए जाने को लेकर दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह फार्मूला तय करेंगे। यहां से लिस्ट फाइनल होने के बाद नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इससे पहले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी ने अपने तेवर दिखाए हैं।


आपको बताते चलें कि, जीतनराम मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी को नीतीश सरकार में कम से कम दो मंत्री चाहिए। मांझी की इस मांग ने बीजेपी और जेडीयू की चिंता बढ़ा दी हैं। बता दें कि अभी जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को कैबिनेट में शामिल किया गया है। उन्हें सूचना प्रावैधिकी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। 


इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि "हम शुरू से कह रहे हैं कि एक निर्दलीय विधायक को एक मंत्रालय मिलता रहा है। हमारे कुल 5 विधायक हैं। इनमें 4 MLA और एक MLC हैं। तो हमें कम से कम 2 मंत्री जरूर चाहिए। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। उन्होंने अभी तक सकारात्मक या नकारात्मक बात नहीं कही है। हमें उम्मीद है कि हमें एक विभाग और मिलेगा। हम समझते हैं कि एक विभाग और मिलेगा तो बहुत अच्छा रहेगा। इससे हमको काम करने में बहुत सुविधा होगी।"