PATNA : 17वीं विधानसभा का पहला सत्र खत्म होने के बाद अब सबकी नजरें नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर जा टिकी है. दिसंबर के पहले या फिर दूसरे हफ्ते में इसका विस्तार हो जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब चुनाव के बाद शपथ ली तो उनके साथ चंद चेहरों को ही कैबिनेट में जगह मिली और अब सबको कैबिनेट विस्तार का इंतजार है.
कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार सियासी गलियारे में लॉबिंग का दौर जारी है. जेडीयू खेमे से कैबिनेट में जगह पाने के लिए दावेदार लगातार नेताओं के जनसंपर्क कर रहे हैं और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक अपनी उपयोगिता साबित करने में जुटे हुए हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी खेमे से दावेदारों की लॉबिंग पटना से लेकर दिल्ली तक जारी है. विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद कई नेता दिल्ली कूच कर चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली में बैठे पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से संपर्क साध है. वह कैबिनेट में जगह पा सकते हैं. कई बड़े चेहरों को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से कैबिनेट में जगह दे सकती है, जबकि बीजेपी के कई नए चेहरे इंतजार में बैठे हैं कि कहीं उनकी किस्मत का ताला खोला जाए.
सबकी नजरें इस बात पर टिकी है कि क्या भारतीय जनता पार्टी में जिस तरह पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को बिहार की राजनीति से केंद्र की राजनीति में ले जाने का फैसला किया उसी तर्ज पर सुशील मोदी के साथ कैबिनेट में रह चुके नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को भूमिका भी दी जाएगी. क्या बीजेपी कुछ अन्य नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दे सकती है. जबकि जेडीयू कोटे से जिन नामों की चर्चा है उनमें श्रवण कुमार के साथ-साथ दामोदर रावत महेश्वर हजारी, संजय झा और सुनील कुमार के नाम सबसे आगे चल रहे हैं. माना जा रहा है कि जेडीयू महिला कोटे से एक और मंत्री बना सकती है लेसी सिंह इन दावेदारों में सबसे आगे चल रही हैं.
हालांकि जिन नामों की चर्चा हो रही है वह केवल सियासी गलियारे में लग रहे कयास से ज्यादा कुछ भी नहीं है. कैबिनेट विस्तार में जिन्हें जगह दी जाएगी उनका आधिकारिक ऐलान होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी.