PATNA : बिहार सरकार को केंद्र की तरफ से मिलने वाली मदद में इजाफे को लेकर आज बिहार विधान परिषद के अंदर बड़ी ही दिलचस्प सियासत देखने को मिली। दरअसल नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन की चर्चा करते हुए जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने सरकार से जवाब मांगा कि जब राज्य में आर्थिक विकास दर ऊपर है तो फिर नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार क्यों अलग-अलग पैरामीटर पिछड़ा हुआ है? अगर सही है तो सरकार से के अनुरूप बिहार को विशेष मदद मिल पाए इसके लिए राज्य सरकार क्या पहल कर रही है?
जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने ध्यानाकर्षण के जरिए सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा था। राज्य सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब दिया विधान परिषद में राज्य सरकार के मौजूदा विकास दर की चर्चा के साथ-साथ अलग क्षेत्रों में नीतीश सरकार की तरफ से हासिल की गई उपलब्धियों की उन्होंने लंबी चर्चा की। बिहार में कृषि से लेकर अन्य क्षेत्रों में विकास की चर्चा करते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा बताए जाने के लिए आयोग की तरफ से तय किया गया पैरामीटर ज्यादा जवाबदेह है। सरकार के मंत्री ने कहा कि नीति आयोग में जो मानदंड तय किए हैं उसी की वजह से बिहार इस सूचकांक में पिछड़ा हुआ है। नीरज कुमार ने सरकार से पूछा था कि राज्य के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित होने के बावजूद विकास दर बेहतर है तो फिर नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार क्यों पिछड़ा हुआ है?
सरकार की तरफ से विधान परिषद में गिनाई गई उपलब्धियों के बाद जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि ऊर्जा जैसे क्षेत्र में अगर बिहार सरकार में बेहतर काम किया है तो नीति आयोग के के इंडेक्स में ऊर्जा क्षेत्र में काम के लिए महज पांच अंक दिए जा रहे हैं। नीति आयोग का पूरा सिस्टम ही विरोधाभासी है और देश भर में इसको लेकर बहस छिड़ी हुई है। नीरज कुमार ने कहा कि योजना आयोग की रिपोर्ट कहती है कि बिहार पिछड़े राज्यों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने वाला सबसे अग्रणी राज्य है लेकिन इसके बावजूद नीति आयोग की रिपोर्ट में गरीबी के इंडेक्स में पिछड़ा हुआ है। बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग भी नीरज कुमार ने सदन में रखी।