DELHI : देश के बहुचर्चित निर्भया केस के दोषियों को दी जाने वाली फांसी का टलना एक बार फिर से तय हो गया। निर्भया के गुनाहगारों ने कानून में मौजूद 77 छेद का इस्तेमाल करते हुए अब तक खुद को बचाए रखा है। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी करते हुए 3 मार्च की सुबह फांसी देने का ऐलान किया था लेकिन निर्भया केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अभी भी सुनवाई बाकी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 5 मार्च को सुनवाई होनी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 5 मार्च को अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नवीन सिन्हा की इस बेंच को सुनवाई करनी है लिहाजा इस बात की उम्मीद कम है कि 3 मार्च को दोषियों को फांसी दे दी जाए।
कानूनी पेंच की वजह से निर्भया के दोषियों की फांसी पहले भी टल चुकी है। ऐसे में 3 मार्च और 5 मार्च के बीच फंसे पेज की वजह से दोषियों को एक बार फिर से राहत मिल जाएगी इस बात की आशंका जताई जा रही है