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NALANDA: निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट की रोक के बाद बिहार की राजनीत गर्म हो गई है। जन अधिकार युवा परिषद के अध्यक्ष राजू दानवीर ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव के रद्द होने के कारण बिहार के युवाओं का मनोबल टूट गया है।उन्होंने कहा कि इस बार के निकाय चुनाव में करीब 80 फीसदी युवा अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे थे। उन्होंने आशा थी कि वे इस चुनाव के जरिए अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत करेंगे और जनता की सेवा कर बदलाव लाएंगे लेकिन उनकी उम्मीदों पर हाई कोर्ट के निर्णय से पानी फिर गया।
दरअसल, राजू दानवीर आज नालंदा के हिलसा स्थित चिकसौरा इमरजेंसी हॉस्पिटल का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव रद्द होने से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि इस बार अधिकतर ईमानदार युवा और समाजसेवी अपने मेहनत की कमाई और कर्ज लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन वोटिंग से पहले ही कोर्ट के निर्णय से उन्हें गहरा धक्का लगा है।
राजू दानवीर ने सवाल उठाया है कि चुनाव रद्द होने से उन लोगों का क्या होगा, जिन्होंने कर्ज लेकर या अपना खेत बेचकर राजनीति में सेवा के संकल्प से आने का फैसला लिया था। कोर्ट के फैसले के बाद अब वे सभी लोग रोड पर आ गए हैं। जब यही करना था तो पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने इसे गरीब और आम आदमी को धक्का करार दिया है। सबसे बड़ी बात जिन लोगों ने अंतिम समय में अपना नॉमिनेशन कराया था जो समाजसेवी थे, वो पैसा कहां से लाएंगे। चुनाव लेट होने से आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि इस बीच क्रिमिनल प्रकृति के लोग एक्टिव हो जाएंगे। वे लोग जान चुके हैं कि कौन उनके विपक्ष में खड़े हैं। उनका प्रयास होगा क्यों नहीं किसी तरह दबा दिया जाए कि आगे वह चुनाव में फिर से चुनाव न लग सके। उन्होंने बिहार सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द चुनाव कराने का प्रयास करें ताकि बिहार वासियों की उम्मीद पूरी हो सके और निकाय व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होता रहे।