PATNA : फुलवारीशरीफ माड्यूल की जांच का दायरा बिहार के साथ उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों तक पहुंच गया है. बिहार के अलावा इन संबंधित राज्यों के एनआइए व एटीएस अफसरों की भी जांच में मदद ली जा रही है. फुलवारीशरीफ मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के आइजी आशीष बत्रा दिल्ली से पटना पहुंचे. उनके साथ उत्तर प्रदेश और झारखंड एनआइए के अधिकारी भी थे.
जानकारी के अनुसार, एनआइए के आइजी ने पटना में बिहार एटीएस के वरीय अधिकारियों व एनआइए की जांच कर रही टीम के साथ पूरे मामले की समीक्षा की. पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) और गजवा-ए-हिंद मामले में अब तक गिरफ्तार पांच आरोपित और उनके सहयोगियों का पूरा रिकार्ड देखा गया. इसके अलावा फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए की जाने वाली छापेमारी की भी जानकारी ली गई.
आशीष बत्रा ने इन दोनों केस से जुड़े हर एक पहलू को बड़ी बारीकी से एटीएस के एडीजी और अपने से सीनियर आईपीएस रविंद्र शंकरण से समझा. बाद में आईजी आशीष बत्रा पटना स्थित एनआईए (NIA) के कार्यालय भी गए जहां उन्होंने अपनी पटना और रांची से आई टीम के साथ मीटिंग की, और इन दोनों केस में अब तक की हुई जांच से जुड़ी जानकारी के साथ मिले सबूतों के बारे में जाना.
बिहार एटीएस की ओर से बताया गया कि गिरफ्तार आरोपित जलालुद्दीन खांन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब आलम उर्फ दानिश से पटना पुलिस पूछताछ कर चुकी है. उनके रिकार्ड व दर्ज किए गए बयान भी एनआइए की टीम को सौंपे गए अब तक की जांच में पाकिस्तान के साथ कई राज्यों के कट्टरपंथियों से संपर्क की बात सामने आई है.
फुलवारी शरीफ मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपितों से फिर से पूछताछ की जा सकती है. अब तक जांच की कमान संभाल रही पटना पुलिस इनको रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ और अब तक की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद बाकी सवालों का जवाब पाने के लिए एनआइए एक-दो दिन में कोर्ट में रिमांड के लिए अर्जी दे सकती है.