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1st Bihar Published by: Updated Mon, 20 Sep 2021 07:24:00 AM IST
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PATNA : मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट की परीक्षा में जिस फर्जीवाड़े का खुलासा यूपी पुलिस ने किया उसका सरगना पटना का रहने वाला है। सॉल्वर गैंग के कनेक्शन तलाशते हुए यूपी पुलिस से पटना के इस मास्टरमाइंड पीके के ठिकाने तक आ पहुंची लेकिन पटना के पाटलिपुत्र इलाके में रहने वाला पीके अपने परिवार के साथ फरार हो गया है। पहली बार सॉल्वर गैंग के सरगना पीके उर्फ नीलेश कुमार की तस्वीर सामने आई है। देशभर में नीट की परीक्षा के दौरान फर्जी तरीके से सॉल्वर बैठा कर डॉक्टर तैयार करने वाले गिरोह का सरगना नीलेश बिहार के छपरा का रहने वाला है। नीलेश उर्फ पीके छपरा के सेंधवा का रहने वाला है। अब तक उसकी पहचान उजागर नहीं हो पाई थी लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पीके की तस्वीर सामने ला दी है।
पीके की जो तस्वीर पुलिस ने जारी की है उसे देखने के बाद सभी लोग हैरत में है। पुलिस अब पीके को पहचानने वाले लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को यह जानकारी मिली कि पीके का आलीशान मकान पाटलिपुत्र बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज के सामने है लेकिन वह इस ठिकाने पर नहीं मिला। पुलिस को आशंका है कि वह बिहार छोड़कर बाहर निकल चुका है। पुलिस पीके की तलाश में पश्चिम बंगाल से लेकर कर्नाटक तक के और नॉर्थ ईस्ट के स्टेट में कई ठिकानों पर जानकारी जुटा रही है। पीके पहली बार पुलिस की रडार पर आया है। इस बीच वाराणसी पुलिस ने सॉल्वर गैंग के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को इस मामले में अब तक के छह लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पीके के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक सुबह बीटेक पास है और फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलता है।
इस बीच पुलिस को पीके के काम करने के तौर-तरीके के बारे में भी जानकारी मिली है। मिली जानकारी के मुताबिक के पीके जिन अभ्यर्थियों को मेडिकल में एडमिशन कराने का वादा करता था उनके सर्टिफिकेट अपने पास रख लेता था। ओरिजिनल सर्टिफिकेट अभ्यर्थियों को तभी लौटाए जाते थे जब डील पूरी हो जाती थी। यूपी पुलिस के खुलासे में जिस हीना विश्वास के सॉल्वर के तौर पर जूली बैठी थी उससे हीना विश्वास के अलावा भी कई अभ्यर्थियों के लिए भी पीके ने सेटिंग कर रखी थी। पुलिस पीके को अगर दबोचने में सफल होती है तो इस मामले में और कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। पीके और नीलेश ने पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला रखा था। बेंगलुरु तक में उसके नेटवर्क के लोग सक्रिय थे। बिहार के अलावे यूपी, त्रिपुरा और दक्षिण भारत के राज्यों में सॉल्वर गैंग सक्रिय था।