PATNA: हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन से मोहभंग कर एनडीए के पाले में आ गए. मांझी का बुधवार को जेडीयू के साथ गठबंधन हो गया. लेकिन मांझी की एंट्री से एलजेपी नाराज हो गई है. यह नाराजगी नीतीश कुमार के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है.
चिराग की रणनीति
मांझी के एनडीए में अचानक हुई एंट्री से एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान नाराज हो गए हैं. यह नाराजगी इस कदर हो गई है की वह जेडीयू के उम्मीदवारों के खिलाफ वह अपना उम्मीदवार भी उतार सकते हैं. इसको लेकर पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है. 7 दिसंबर को दिल्ली में एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक होने वाली है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में एनडीए के साथ रिश्ते और जेडीयू से संबंधों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल एलजेपी का मानना है कि मांझी को एनडीए में लाना नीतीश कुमार का एकतरफा फैसला है. जेडीयू मांझी को अपने कोटे से सीटें देगी.
एलजेपी की 119 सीटों पर तैयारी
कई बार एलजेपी की ओर से कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी 119 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर भी संसदीय दल की बैठक में कोई फैसला हो जाएगा. एनडीए में रहते हुए चिराग पासवान को इतनी सीटें पार्टी के लिए मिलना संभव ही नहीं असंभव है. ऐसे में चिराग को नई रणनीति बनानी होगी.