PATNA : विधानसभा चुनाव में सीधी टक्कर भले ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हो लेकिन चर्चा सबसे ज्यादा चिराग पासवान की हो रही है। चिराग पासवान ने एनडीए में अपना खूंटा जिस कदर गाड़ा है उसके बाद लगातार बीजेपी और जेडीयू को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चिराग में सीट शेयरिंग पर जो पेंच फसाया है उसी का नतीजा है कि अब तक एनडीए में सीट बंटवारे का ऐलान नहीं हो सका। सोमवार की शाम की खबर सामने आई कि चिराग के सामने बीजेपी ने एक नया ऑफर रखा है। बीजेपी एलजीपी को 27 विधानसभा सीटें देने पर राजी है लेकिन चिराग अभी भी इससे ज्यादा सीट चाहते हैं।
दरअसल सोमवार की शाम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान की मुलाकात हुई थी इसके बाद यह खबर सामने आई कि बीजेपी ने एलजेपी को 27 सीटों का ऑफर दिया है लेकिन चिराग पासवान 32 या उससे ज्यादा सीटें चाहते हैं ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चिराग के सामने बीजेपी और झुकेगी? भारतीय जनता पार्टी ने अब तक के चिराग पासवान और नीतीश के बीच मचे घमासान पर चुप्पी साध रखी है। बीजेपी इस बात को समझती है कि चिराग पासवान की अहमियत एनडीए में क्या है। एलजेपी के एनडीए में बने रहने का फायदा कितना मिलेगा या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन अगर चिराग अपनी राह अलग करते हैं तो इसका नुकसान एनडीए को उठाना पड़ सकता है। यही वजह है कि बीजेपी लगातार एनडीए में चिराग जलाए रखने की कोशिश कर रही है।
143 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चिराग ने बीजेपी पर प्रेशर बनाया और उसके बाद अब बीजेपी 20 से बढ़कर 27 सीटों तक जा पहुंची है। सीट बंटवारे का एलान अब तक टल रहा है और उम्मीद है कि चिराग भी बीजेपी के साथ कोई बीच का रास्ता निकाल सकते हैं लेकिन अभी बड़ा सवाल बना हुआ है कि आज बंटवारे पर चिराग सहमति बना लेते हैं तो क्या उनके बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट एजेंडे को एनडीए में शामिल किया जाएगा? क्या चिराग पासवान नीतीश कुमार की सात निश्चय पार्ट 2 योजना को कबूल करेंगे? सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद चिराग अगर नीतीश का एजेंडा कबूल करते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्होंने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का एजेंडा प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए अपनाया था।