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नए सिस्टम से अब बिहार को पैसा देगा केंद्र, नीतीश सरकार पर भी बढ़ेगा दवाब; जानिए क्या है ख़ास

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 17 Nov 2023 07:10:48 AM IST

नए सिस्टम से अब बिहार को पैसा देगा केंद्र, नीतीश सरकार पर भी बढ़ेगा दवाब; जानिए क्या है ख़ास

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केंद्र सरकार ने अब बिहार को नए सिस्टम के तहत पैसा भेजने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। केंद्र सरकार जनवरी से छह मंत्रालयों के तहत चल रही केंद्रीय योजनाओं में अपने हिस्से का पैसा बिहार को भारतीय रिजर्व बैंक के ई कुबेर पोर्टल पर स्पर्श नाम के नए सिस्टम से एक क्लिक से भेजेगी।


दरअसल, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए दिल्ली से आने वाले पैसे का इस्तेमाल दूसरे काम में ना हो और पैसा बैंक में ही ना पड़ा रह जाए, इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को केंद्रीय मद का पैसा भेजने का तरीका बदलने जा रही है। जनवरी से भारतीय रिजर्व बैंक के ई कुबेर पोर्टल पर स्पर्श नाम की तकनीक से एक क्लिक से पैसा राज्य सरकार के खाते में पहुंच जाएगा। इस नए सिस्टम को चालू करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसके लिए दिल्ली से एक टीम पटना आई थी और संबंधित अधिकारियों के साथ एक ट्रेनिंग वर्कशॉप भी किया। 


मालूम हो कि, इस समय  केंद्र प्रायोजित योजनाओं का पैसा राज्य सरकार के सिंगल नोडल खाते में आता है। जिसमें राज्य सरकार भी अपना हिस्सा डालती है और फिर काम होता है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की समेकित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (इंटीग्रेटेड फिनांसियल मैनेजमेंट सिस्टम) को केंद्र सरकार के लोक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पब्लिक फिनांसियल मैनेजमेंट सिस्टम) से जोड़ने का काम एक महीने में पूरा हो जाएगा। अधिकारी को उम्मीद है कि जनवरी से नए सिस्टम से राज्यों को पैसा मिलेगा। नए तरीके से जनवरी में छह मंत्रालय ही जोड़े जाएंगे जिनमें शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पशुपालन व मत्स्यपालन, समाज कल्याण और वन पर्यावरण जलवायु परिवर्तन विभाग शामिल हैं। 


उधर, केंद्र से पैसा आने की नई व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर दवाब बढ़ेगा कि वो अपने हिस्से का पैसा समय पर जमा करे और योजनाओं को पूरा करे। राज्य सरकार कुछ साल से केंद्र की प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी 75 परसेंट से घटाकर 60 परसेंट करने से नाराज है और लगातार इसको उठा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं लागू करने में राज्य सरकार पर बोझ बढ़ रहा है जो कई स्कीम में 40 परसेंट हिस्सेदारी तक चला गया है। इससे राज्य के पास अपनी योजना के लिए पैसा घट रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को भी उद्योग विभाग के एक कार्यक्रम में इस मसले को उठाया।