नए संसद भवन के उद्धाटन पर JDU का विरोध, अनशन पर बैठे ललन सिंह बोले - देश में वापस आई BJP तो विरोध करने वालों को भेज देगी जेल

नए संसद भवन के उद्धाटन पर JDU का विरोध, अनशन पर बैठे ललन सिंह बोले - देश में वापस आई BJP तो विरोध करने वालों को भेज देगी जेल

PATNA : नए संसद भवन का आज उद्घाटन हो गया है। वहीं, इसका उद्घाटन देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कराकर पीएम से करवाए जाने को लेकर जेडीयू समेत  देश की 21 विपक्षी पार्टियों ने इस उद्धाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। इसी को लेकर अब आज जेडीयू ने एकदिवसीय अनशन करने का फैसला किया। जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा हमला बोला है। ललन सिंह ने कहा है कि - नए संसद भवन का निर्माण की कोई जरूरत नहीं थी यह पैसों की बर्बादी है। 


दरसअल, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि, वर्तमान में नए संसद की कोई जरूरत ही नहीं थी। लेकिन, बना ही लिया तो इसका उद्घाटन करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को ही है। भाजपा के उनके अधिकारों का हनन किया है। हर साल संसद का पहला सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति ही  लोकसभा और राज्यसभा का संबोधन करते हैं। लेकिन उसका महज इस वजह से अपमान किया गया कि वो आदिवासी समाज से आती है। भाजपा ने जब उनको अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया तो आदिवासी प्रेम के साथ जोड़ कर प्रचारित किया गया।  अब बारी आयी उनके हाथों बड़ा चीज़ करवाने का तो उनका अपमान किया गया। 


ललन सिंह ने कहा कि, देश के संसद भवन में जितने सपूतो की फोटो लगाया कि उनका देश के आजादी में महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन नरेंद्र मोदी का देश के आजादी में क्या योगदान रहा है।  इनका तो 74 के आंदोलन में भी कोई अधिकार नहीं रहा है। जब ये आंदोलन हुआ तो अमित शाह का  10 वर्ष रहा होग, आज ये लोग देश का इतिहास बदलने में लगे हैं। उन्होंने कहा है कि, यह देश सबों का है।  इस देश में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख और इसाई और सब का समान हक है। नए संसद भवन के शिलान्यास के समय  देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे उन्हें भी नही आमंत्रित किया गया था। 


इसके अलावा उन्होंने अपनी पार्टी जेडीयू के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि, जब जेडीयू महागठबंधन में जाती है तो  सुशील मोदी बोलने लगते हैं कि ललन सिंह ने लालू यादव के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन, हकीकत क्या है यह सभी लोग जानते हैं।  ये लोग बस अपने पालतू तोते के जरिए लोगों को डराना चाहते हैं। सीबीआई ने लालू यादव के आवास पर छापेमारी की उस दौरान उन्होंने साफ़ तौर पर  कोर्ट में कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल रहा है। 


जब हम फिर 2022 में बीजेपी से अलग हुए हैं तो फिर से छापेमारी का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन हम लोग इनके गीदड़ भभकी से नहीं डरने वाले हैं।  इस देश में देश में अघोषित इमरजेंसी है।  अगर भाजपा 2024 में वापस आती है तो अपना विरोध करने वाले को ये उठाकर जेल में बंद कर देंगे। इन्होंने संसद में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके खिलाफ बोला तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी तो फिर आम लोगों को कुछ भी कर सकती है।