SAHARSA: गैस लीकेज रहने के कारण सिलेंडर में लगी आग, बाप-बेटे झुलसे लालू की पार्टी पर जीतन राम मांझी ने कसा तंज, कहा.. बिहार में आरजेडी का हश्र डायनासोर के जैसा होगा Amazon ने लॉन्च किया नया Price History फीचर, अब सेल की ‘फर्जी डिस्काउंट’ ट्रिक से बचेगा ग्राहक Bihar News: बिहार के स्कूलों में लागू होगा डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम, टैबलेट से बच्चों और शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी Bihar road construction : बिहार में गांवों में बदलेगी सड़कों की सूरत , ग्रामीण कार्य मंत्री का बड़ा फैसला; अब सरकार लीज पर लेगी जमीन अपने कलेजे के टुकड़े के लिए तेंदुए से भिड़ गई महिला: किसी तरह बचाई बेटे की जान, घायल मां-बेटे अस्पताल में भर्ती Infants Health Risk: बिहार में मां की दूध में मिला खतरनाक जहर, हो जाएं सावधान; जान लें पूरी खबर Bihar Encroachment Drive : बिहार में नई सरकार बनते ही ऑपरेशन बुलडोजर शुरू, कई शहरों में अतिक्रमण हटाने पर मची अफरा-तफरी Bihar Air Pollution: पटना सहित कई जिलों में बढ़ा वायु प्रदूषण, ज्यादातर शहर ‘मध्यम प्रदूषित’ श्रेणी में दर्ज; हाजीपुर सबसे आगे Saharsa accident : सहरसा में फोरलेन पर भीषण टक्कर, एक की मौत, परिवार में मचा कोहराम
1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Dec 2021 12:48:50 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : शीतकालीन सत्र में बिहार विधानसभा के अंदर ध्यानाकर्षण सूचना के तौर पर ललित यादव और चेतन आनंद जेडीयू के डॉक्टर संजीव कुमार ने कई सदस्यों के साथ मिलकर बिहार के विभिन्न जिलों में 14 वर्ष से ज्यादा की सजा काट चुके कैदियों को परिहार परिषद के द्वारा समय पर निर्णय नहीं लेने का मामला सदन में ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया.
ध्यानाकर्षण की सूचना में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 14 वर्ष से ज्यादा हो जाने के बाद भी काफी विलंब हो रहा है. इससे स्वाभाविक न्याय उन्हें नहीं मिल पा रही है. और ना ही बंदियों के परिजनों को इससे वह काफी आक्रोशित और निराशा में रहते हैं इसलिए लोक महत्व के इस विषय पर सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.
चेतन आनंद ने आंनद मोहन के रिहाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजनीतिक पूर्वग्रह की वजह से आनंद मोहन की फाइल आगे नही बढ़ाई गई. जिससे उनका परिहार परिसद की बैठक में नही भेजी जाती. आनंदमोहन जी का सवाल नही उठाना यह सरकार पूर्वग्रह से ग्रसित है. पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मामला उठा सदन में सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के कई फैसले एवं निर्देशो का उदहारण दिया गया.
बता दें राज्य भर के विभिन्न काराओं में बड़ी संख्या में उम्र कैद की सजा प्राप्त कैदी 14 वर्ष की अपनी निर्धारित सजा पूरी करने के बाद भी राज्य परिहार परिषद् द्वारा समय पर निर्णय नहीं लेने के कारण जेलों में बेवजह निरूद्ध हैं.