PATNA : पटना में भीषण जलजमाव से परेशान लोगों को निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम मिलकर काम कर रहे हैं। कंकड़बाग और राजेंद्र नगर के अलावे पटना के तकरीबन दर्जनभर बड़ी कॉलोनियों में अभी कमर भर पानी जमा है। नगर निगम को पानी निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजेंद्र नगर और कंकड़बाग में निगम के सफाईकर्मी पुराने सीवरेज सिस्टम से पानी नहीं निकाल पा रहे।
हर उपाय करने के बावजूद जमा पानी कम नहीं हो रहा निगम के अधिकारी और सीवरेज के तकनीकी जानकार अब यह कहने लगे हैं कि पटना के मौजूदा हालात के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट जिम्मेवार है। राजधानी का शायद ही कोई ऐसा इलाका है जहां नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत सड़क के बीचो-बीच सीवरेज की नई पाइप नहीं डाली गई। प्रोजेक्ट पर काम करने वाली निर्माण कंपनी ने पिछले 8 महीने से राजधानीवासियों का जीना दूभर कर रखा था। हर सड़क को तहस-नहस कर सीवरेज की पाइप तो डाल दी गई लेकिन बाद में सड़क की जमीन को समतल भी नहीं किया गया। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत जिस इलाके में भी काम लगा वहां के लोग त्राहिमाम कर गए। बारिश के पहले तक हालात ऐसे थे कि लोग मुसीबतों के बीच भी गुजारा कर ले रहे थे लेकिन लगातार हुई बारिश ने आपदा को जानलेवा बना दिया।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत किस एजेंसी ने काम किया और उसकी मॉनिटरिंग कैसे हुई इसका जिला प्रशासन के पास हुई फिलहाल कोई जवाब नहीं है। लेकिन पटना में रहने वाले लोग यह भली-भांति समझ बूझ रहे हैं कि नए सीवरेज लाइन को तैयार करने के पहले नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर काम कर रही एजेंसी ने पुरानी सीवरेज लाइन को भी जगह-जगह से डेट कर दिया। नगर निगम के बड़े अधिकारी अब अपना सिर पकड़ कर बैठे हैं। जहां कहीं भी पानी निकालने के लिए सीवरेज के ब्लॉकेज को खत्म करने की कोशिश की जा रही वहां पुरानी सीवरेज लाइन ध्वस्त मिल रही है। हालात ऐसे हैं कि कोई यह बता नहीं सकता की पटना में जमा पानी कब तक निकल पाएगा। आपदा को झेल रहे लोग सरकार से यह सवाल जरूर पूछ रहे हैं कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर काम करने वाली निर्माण एजेंसी की लापरवाही पर कोई कार्रवाई होगी भी या नहीं।