PATNA : बिहार में एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठ पड़ी है। सबसे पहले एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई तो उसके बाद अब नीतीश कैबिनेट के एक और मंत्री ने इसको लेकर अपनी मांग रखी है।
दरअसल, नीतीश कैबिनेट के सबसे उम्रदराज मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि - यह ( विशेष राज्य का दर्जा) कोई भीख नहीं, बिहार का हक है। बिहार की उपेक्षा करके देश आगे नहीं बढ़ सकता है। केन्द्र सरकार बताए वह बिहार को उसका हक क्यों नहीं देना चाह रहा है?
मंत्री ने कहा कि जातीय गणना और आर्थिक अध्ययन की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया कि बिहार में काफी गरीबी है। रिपोर्ट के अनुसार यहां के 94 लाख परिवार गरीब हैं। क्या इन्हें बेहतर जीवन जीने का हक नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्हें आर्थिक मदद देने और मुख्य धारा में लाने की योजना बनायी है। यदि केन्द्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा तो हम इस लक्ष्य को शीग्र प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवी आर्थिक शक्ति है और केन्द्र ने 2027 तक तीसरी आर्थिक शक्ति बनने का लक्ष्य भी तय किया है। इसमें बिहार सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यदि केन्द्र विशेष राज्य का दर्जा देता है तो बिहार विकास की रफ्तार में सबसे तेजी से आगे बढ़ सकता है और इसका सकारात्मक प्रभाव देश के आर्थिक विकास पर पड़ेगा। लेकिन, बिहार को छोड़कर देश महाशक्ति कैसे बन सकता है? अगर देश को बिग इकोनॉमी बनाना है तो बिहार को साथ लेकर चलना होगा।
मंत्री ने कहा कि, आज जान बूझकर केन्द्रीय योजनाओं में बिहार की हिस्सेदारी घटाया जा रहा है और तरह-तरह के बहाने बनाकर विशेष राज्य का दर्जा भी नहीं दिया जा रहा है। पर, बिहार अपने हक के लिए संघर्ष करेगा। हम पूरे प्रदेश में इसको लेकर अभियान चलाएंगे।
उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जा दिलाने के लिए नया ऐलान कर दिया है। उन्होंने फिर से यह मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखते हुए कहा है कि इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो, यह कैंपेन चलेगा। जगह-जगह से इसके लिए अभियान चलाने का काम होगा।