Pitru Paksha 2025: अब घर बैठे ही गया जी में कराएं ई-पिंडदान, पर्यटन विभाग ने की खास व्यवस्था; जान लीजिए पैकेज Bihar News: सीएम नीतीश के गृह जिला में बड़ा हादसा, घर की छत गिरने से दादी-पोता की दर्दनाक मौत Bihar News: सीएम नीतीश के गृह जिला में बड़ा हादसा, घर की छत गिरने से दादी-पोता की दर्दनाक मौत Bihar Crime News: बिहार में दिनदहाड़े PNB का ATM लूटने की कोशिश, कैश डालने के दौरान बदमाशों ने की लूटपाट Bihar Crime News: बिहार में दिनदहाड़े PNB का ATM लूटने की कोशिश, कैश डालने के दौरान बदमाशों ने की लूटपाट Bihar TRE4-TRE5: बिहार में TRE4 और TRE5 को लेकर नया अपड़ेट, शिक्षक बहाली पर क्या बोले शिक्षा मंत्री? Bihar TRE4-TRE5: बिहार में TRE4 और TRE5 को लेकर नया अपड़ेट, शिक्षक बहाली पर क्या बोले शिक्षा मंत्री? EOU ने 'अनुभूति श्रीवास्तव' को किया बेनकाब, भ्रष्ट अफसर से नगर विकास विभाग को गजब का है ‘प्यार’ ! दागी को बार-बार फील्ड में E.O. बनाकर सुशासन को किया जा रहा तार-तार, आखिर क्या है मजबूरी ? Ration Card Ineligible Beneficiaries: राशन कार्ड से कटेगा फर्जी लाभार्थियों का नाम, ऐसे 1.17 लोगों की हुई पहचान; केंद्र ने राज्यों को दिया सख्त निर्देश Bihar News: बिहार में पोखर में डूबने से सगे भाई-बहन की मौत, खेल-खेल में चली गई जान
1st Bihar Published by: Updated Wed, 18 Dec 2019 11:39:55 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की गई है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, TMC की महुआ मोइत्रा, RJD के मनोज झा, जमीयत उलेमा ए हिंद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत 20 से ज्यादा नेताओं ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले नेताओं का कहना है कि ये कानून संविधान के खिलाफ है. नेताओं ने इस कानून के माध्यम से देश का सामाजिक सौहार्द खराब होने का आरोप लगाया है. इन नेताओं का यह भी मानना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि यह कानून धर्मनिरपेक्षतावाद का उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें धार्मिक समूहों के खिलाफ भेदभाव की दुर्भावना के साथ नागरिकता मुहैया कराने में कुछ लोगों को बाहर रखा गया है.