मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में नीतीश सरकार की बड़ी कार्रवाई, सामाज कल्याण विभाग ने रोजी रानी को बर्खास्त किया

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में नीतीश सरकार की बड़ी कार्रवाई, सामाज कल्याण विभाग ने रोजी रानी को बर्खास्त किया

PATNA : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने भी रोजी रानी को दोषी पाते हुए 6 महीने की सजा सुनाई थी. इस मामले में मुख्य दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.


साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 19 को दोषी करार दिया था. जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत दोषी पाते हुए उन्हें बॉन्ड पर मुक्त कर दिया गया था. बाद में साकेत कोर्ट ने तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को 6 महीने की सजा सुनाई गई. रोजी रानी को लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया था. उस पर आरोपियों का सहयोग करने का आरोप है. 


इस मामले में सजा पाने वालों में आठ महिलाएं शाइस्ता प्रवीण, इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी चंदा देवी,नेहा कुमारी, हेमा मसीह और किरण कुमार शामिल हैं. जबकि नौवीं महिला रोजी रानी किशोर न्याय अधिनियम के तहत दोषी पाई गई है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में किशोरियों के यौन शोषण और हत्या का मामला सामने आया था. 31 मई 2018 को सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ने मुजफ्फरपुर में महिला थाने में एफआईआर कराई थी.