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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Jun 2024 03:07:29 PM IST
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MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर में चर्चित सुनीता किडनी कांड में झोला छाप डॉक्टर को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 18 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वही किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉ.आरके सिंह अभी भी फरार है। उसके खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर के सकरा थानाक्षेत्र स्थित बाजी राउत गांव का है। जहां सुनीता नामक महिला की दोनों किडनियां निकालकर झोला छाप डॉक्टर पवन कुमार ने बेच दी थी। मुजफ्फरपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल की विशेष कोर्ट (SC/ST एक्ट) ने इस मामले में पवन को 7 साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही 18 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। सुनीता की जिंदगी आज डायलिसिस के सहारे चल रही है, हालांकि वह किडनी ट्रांसप्लांट कराना चाहती है।
मामला साल 2022 का है जब सुनीता की दोनों किडनियां पैसे के लिए निकाल ली गयी। विशेष लोक अभियोजक (SC/ST एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉ. आरके सिंह फरार है। उसके खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विशेष कोर्ट ने मामले को अलग कर दिया है। बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई, 2022 को सुनीता का उपचार शुरू हुआ था। गर्भाशय में तकलीफ की बात कहकर झोला छाप डॉक्टर पवन ने उसे निकालने के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह दी। इसके लिए उससे 20 हजार रुपये भी जमा कराए गए थे।
इसके बाद 3 सितंबर, 2022 को सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था। जिस क्लीनिक में ऑपरेशन हुआ वहां का डॉक्टर पवन कुमार था। जो पुलिस जांच में झोलाछाप डॉक्टर निकला। ऑपरेशन के बाद 5 सितंबर, 2022 को सुनीता की तबीयत खराब हुई तो उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया। 7 सितंबर, 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनिया निकाल ली गई हैं। इस वजह से उसकी डायलिसिस करनी पड़ी, जो आज तक चल रहा है।
फल बेचने वाला पवन बन गया डॉक्टर
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। वहीं पुलिस जांच में पता चला कि पवन कुमार के पास डॉक्टरी की डिग्री भी नहीं थी। उसके पास MBBS की डिग्री नहीं थी। पवन फल बेचने का बिजनेस करता था, लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में एक झोलाछाप डॉक्टर आरके सिंह के कॉन्टैक्ट में आया। उसने पवन से कहा कि क्लिनिक खोल लो, डॉक्टर रख लो, बहुत पैसा है। फिर पवन और आरके सिंह ने क्लिनिक खोल ली। खुद फर्जी डॉक्टर बन गया। मरीजों को देखने और ऑपरेशन करने की प्रैक्टिस भी करने लगा।