मूर्ति विसर्जन को लेकर दो पक्षों के बीच पथराव, पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल

मूर्ति विसर्जन को लेकर दो पक्षों के बीच पथराव, पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल

DARBHANGA: बिहार के दरभंगा जिले में मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव किया गया। जिसमे एक दर्जन से अधिक लोगों को चोट लगी है। जिसमें पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गये हैं। 


घटना सदर थाना क्षेत्र के तारसराय मुड़िया माली टोला की है। इस घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। वही घटना की सूचना मिलते ही दरभंगा के जिलाधिकारी, एसएसपी व भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची तब जाकर मामले को शांत कराया गया। फिलहाल स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी खुद पुलिस के साथ मौके पर कैम्प कर रहे हैं और लोगों से शांति व्यवस्था कायम करने की अपील कर रहे हैं।


वही मौके पर पहुंचे दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन ने बताया कि भालपट्टी ओपी अंतर्गत तारसराय मुड़िया पंचायत में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो पक्षों में तनाव उत्पन्न हो गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी एवं दंडाधिकारी यहां उपस्थित हुए और बातचीत कर मूर्ति विसर्जन के लिए भेजा गया। मूर्ति विसर्जन को लेकर सड़क पर किस जगह से मूर्ति को टर्न लेना है। 


इसे लेकर कुछ लोग विवाद उत्पन्न कर रहे थे। कुछ लोग कह रहे थे कि पुराने मुखिया के घर के पास से टर्म लेना है। इसी सब बातों को लेकर विवाद बढ़ी है। वहीं उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दो मूर्ति लेकर लौट चुके थे। उसके बाद इस प्रकार से किया गया है। जो लोग इसमें उपद्रव किए हैं। उन लोगों की पहचान की जाएगी और विधि संवत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


वही पत्थर फेंके जाने के सवाल पर जिलाधिकारी राजीव रौशन ने बताया कि जब मूर्ति वहां से घूमाने लगे तो पत्थर चलने की बात सामने आई है। उपद्रवियों के द्वारा कुछ घरों में भी तोड़फोड़ किया गया है। इस चीज को भी हम लोग चिन्हित करेंगे कि किन लोगों के द्वारा इस प्रकार का काम किया गया है। जिन लोगों ने भी इस प्रकार का काम किया है उन लोगों की पहचान कर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 


जिलाधिकारी ने कहा कि इस घटना में स्थानीय लोगों के साथ पुलिस पदाधिकारी के कुछ लोगों को मामूली चोटे आई हैं। चिंताजनक जैसी कोई बात नहीं है। सतर्कता के तौर पर हम लोगों ने एंबुलेंस को भी मौके पर बुला रखा है। लेकिन अभी तक हॉस्पिटल भेजे जाने वाला ऐसा कोई मामला नहीं है।