DELHI: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। इस दौरान आतिशी ने CM ऑफिस में अपनी कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी लगाते हुए कहा कि खाली दूसरी कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है। जिस पर 4 महीने बाद वो बैठेंगे।
आतिशी ने आगे कहा कि जैसे भगवान राम 14 साल के लिए वनवास गये थे तब उनके भाई भरत ने राम के खड़ाऊं को रखकर अयोध्या का सिंहासन को संभाला था ठीक उसी तरह मैंने भी एक खाली कुर्सी सीएम ऑफिस में अपनी कुर्सी के ठीक बगल में लगाई है। मैं भी उसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालूंगी।
आतिशी ने कहा कि 4 महीने बाद दिल्ली की जनता फिर से इस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल को बैठाने का काम करेगी। तब तक यह कुर्सी सीएम ऑफिस में मेरी कुर्सी के ठीक बगल में केजरीवाल का इंतजार करेगी। आतिशी ने कहा कि भरत की तरह वो भी 4 महीने शासन चलाएगी। आतिशी ने श्रीराम से केजरीवाल की तुलना की। कहा कि भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। जिस तरह श्रीराम ने एक वचन को पूरा करने के लिए राजपाठ त्याग दिया था। उसी तरह केजरीवाल ने भी देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम किया है। 4 महीने बाद वो फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे तब तक यह कुर्सी उनका इंतजार करेगी। इस कुर्सी पर 4 महीने बाद केजरीवाल ही बैठेंगे।
बता दें कि 13 सितंबर को दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को जमानत मिली थी। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद विधायक दल की बैठक में आतिशी को नेता चुना गया। 21 सितंबर को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी बनी थी। 5 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। उसी दिन आतिशी ने भी दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने 5 विधायकों को मंत्री पद और आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए थे।
शपथ ग्रहण के बाद आतिशी ने कहा था कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला काम भाजपा के षड्यंत्र से दिल्ली की जनता की रक्षा करना है तो वही दूसरा काम केजरीवाल को फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के इस बयान पर दिल्ली के बीजेपी जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार किया है। कहा है कि आतिशी ने ऐसा कर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है। साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं का भी ख्याल नहीं रखा है। सीएम ऑफिस में एक कुर्सी खाली रखना यह कोई आदर्श नहीं हैं बल्कि चापलूसी है। वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल से पूछा कि क्या वो सरकार रिमोट कंट्रोल से चलाएंगे।
बता दें कि 43 वर्षीया आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। जबकि केजरीवाल 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM आतिशी हैं। आतिशी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण किया।