मुकेश सहनी अब पूर्व मंत्री.. जारी हो गयी बर्खास्तगी की अधिसूचना

मुकेश सहनी अब पूर्व मंत्री.. जारी हो गयी बर्खास्तगी की अधिसूचना

PATNA : बीजेपी से विवाद के बाद आखिरकार मुकेश सहनी का मंत्री पद चला गया है। मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाए जाने की अनुशंसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को ही कर दी थी और आज 28 मार्च को राज्यपाल फागू चौहान ने इस अनुशंसा पर मुहर लगा दी है।


इसके साथ ही मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि मंत्री मुकेश सहनी 27 मार्च के प्रभाव से राज्य के मंत्री या मंत्री परिषद के सदस्य नहीं हैं। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह मुकेश सहनी की पार्टी के 3 विधायकों का विलय कराया उसके बाद ही यह तय हो गया था कि उनका मंत्री पद से चला जाएगा।


मुकेश सहनी ने खुद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था इसके बाद बीजेपी मुकेश सहनी को लेकर आक्रामक हुई थी। मुकेश सहनी के कार्यशैली को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल ने सवाल भी खड़े किए थे।


रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने बीजेपी की तरफ से यह कह दिया गया था कि अब मुकेश सहनी को कैबिनेट में बनाए रखना ठीक नहीं है। दरअसल मुकेश सहनी ने जिस तरह उत्तर प्रदेश में बीजेपी का विरोध किया और उसके बाद बिहार में विधान परिषद चुनाव और उसके साथ-साथ चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया इसे देखते हुए बीजेपी खासा नाराज थी। रविवार को यह तय हो गया था कि मंत्री मुकेश सहनी को बर्खास्त कर दिया जाएगा लेकिन अधिसूचना सोमवार को जारी हो पाई।


मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद मुकेश सहनी की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मुकेश सहनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लिखा है कि मेरे 16 महीने के कार्यकाल में मैंने राज्य की 13 करोड़ जनता की सेवा करने का प्रयास किया। सभी जाति धर्म के लोगों के लिए काम किया। 


बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन और मत्स्य क्षेत्र में बड़े फैसले करते हुए काम को रफ्तार दिया। मुकेश सहनी ने आगे लिखा है कि बिहार की समस्त जनता एनडीए के सभी सहयोगी दल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने मुझे जो अवसर दिया उसके लिए आभार में निषाद समाज को एससी-एसटी आरक्षण, अति पिछड़ा समाज के आरक्षण को 15 फ़ीसदी बढ़ाने और बिहारियों के सम्मान के संपूर्ण विकास की लड़ाई के लिए समर्पित हो।