PATNA : पटना में सोमवार को एनडीए विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुकेश सहनी ने कहा कि उन्हें औऱ जीतन राम मांझी को सम्मान नहीं मिल रहा है. इसलिए वे विधायक दल की बैठक में नहीं गये. लेकिन फिर भी सरकार में बने रहेंगे. सहनी ने साफ किया कि वे तेजस्वी यादव के साथ नहीं जायेंगे. उन्होंने कहा-पीठ में खंजर भोंकने वाले के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
एनडीए में नहीं मिल रहा सम्मान
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में चार पार्टियों के सहयोग से सरकार चल रही है. लेकिन ऐसा अहसास नहीं हो रहा है कि चार पार्टियों की सरकार चल रही है. कहीं भी बात होती है तो बीजेपी औऱ जेडीयू का जिक्र होता है. वीआईपी और हम पार्टी का जिक्र नहीं होता. तो ऐसे एनडीए की बैठक में जाने का क्या फायदा. जहां वीआईपी पार्टी को सम्मान नहीं मिल सकता, ऐसे मंच पर जाकर क्या बात रखेंगे.
मांझी के लिए भी दर्द
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार एनडीए में जीतन राम मांझी जैसे सम्मानित नेता भी मौजूद हैं. लेकिन उन्हें भी पर्याप्त महत्व औऱ उचित स्थान नहीं मिल रहा है. सहनी ने कहा कि एनडीए में ऐसा प्लेटफार्म होना चाहिये जहां पार्टियां अपनी बात रख सकें. एनडीए में चार दल शामिल हैं तो सभी पार्टियों के नेताओं को लगातार आपस में मिलना जुलना चाहिये. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
बिहार में अफसरशाही हावी
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में अफसरशाही हावी है. बिहार के एक मंत्री ने कहा कि चपरासी तक बात नहीं मान रहे हैं. आखिर कौन ऐसा चपरासी या अफसर है जो मंत्री की बात नहीं मान रहे हैं. इस पर मिल कर बात करना होगा. बिहार में हमारी सरकार ने तय किया था कि 19 लाख लोगों को रोजगार देंगे. लेकिन उसके लिए योजना कहां है. सिर्फ पॉलिसी बना देने से रोजगार नहीं मिल जायेगा.
लेकिन सरकार नहीं छोड़ेगे
मुकेश सहनी ने सरकार की सारी खामी गिना दी लेकिन उसके बाद ये भी कह दिया कि वे सरकार नहीं छोड़ेंगे. मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या इस्तीफा देंगे. मुकेश सहनी ने कहा कि वे अपनी पार्टी के सुप्रीमो हैं-वे किसे इस्तीफा देने जायेंगे. वे खुद सरकार हैं औऱ ये उनकी अपनी सरकार है. उनकी नाराजगी घर की बात है औऱ घर में उसे सलटा लेंगे.
तेजस्वी के साथ नहीं जायेंगे
मुकेश सहनी ने कहा कि सरकार से वे किसके लिए अलग होंगे. उनके लिए जिन्होंने पीठ में खंजर मारा है. उनका इशारा तेजस्वी यादव की तरफ था. मुकेश सहनी ने कहा कि वे सरकार से अलग होकर बिहार में मध्यावधि चुनाव भी नहीं कराने जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे पांच साल तक सरकार चलेगी.