ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Patna robbery : पटना में दिनदहाड़े 10 लाख की लूट: अपराधियों ने DCM ड्राइवर को मारी गोली, मचा हड़कंप Indian Railways : भारतीय रेलवे की नई पहल,ट्रेन में यात्रियों को मिलेगा स्वादिष्ट खान; ऐप से ई-कैटरिंग सेवा शुरू Bihar Election 2025: दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बिहार पुलिस का एक्शन, झारखंड की सीमा से हार्डकोर नक्सली अरेस्ट Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025 : ऐतिहासिक मतदान के बाद चुनावी समर में बढ़ा सियासी तापमान, PM मोदी ने कहा - अब नहीं चाहिए कट्टा सरकार

मुझे न तो पावर चाहिए और न ही पैसा, बोले मुकेश सहनी ... कुर्सी के लिये नहीं है मेरी लड़ाई

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 10 Feb 2023 10:27:42 AM IST

मुझे न तो पावर चाहिए और न ही पैसा, बोले मुकेश सहनी ...  कुर्सी के लिये नहीं है मेरी लड़ाई

- फ़ोटो

KHAGADIYA : बिहार की राजनीति में इन दिनों कुर्सी की लड़ाई किसी दूसरे दलों से बाद में पहले खुद की ही पार्टी के अंदर बैठे हुए लोगों में भी देखने को मिल रही है। राजय के अंदर जेडीयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा भी कहीं न कहीं इन्हीं चीज़ों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। इसी कड़ी में अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी नेइसको लेकर बड़ा बयान दिया है।  उन्होंने साफ़ कर दिया है कि. उन्हें किसी पद और कुर्सी की लालसा नहीं है और जो ऐसा सोच रहे हैं वह भी गलत सोच रहे हैं। 


दरअसल, वीआईपी सुप्रीमों खगड़िया के अलौली में श्री श्री 108 श्री कमला मेला महोत्सव में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि, वह बिहार में जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह लड़ते रहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, वह कुर्सी  के लिए नहीं लड़ रहे हैं और न ही उनको कुर्सी का कोई लोभ है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि, मेरी लड़ाई विचारों की लड़ाई है। 


इसके आगे सहनी ने कहा कि, मैं अपनी जिंदगी आराम से मुंबई में गुजार रहा था और आगे भी गुजार लेता। लेकिन, हमारी परंपरा 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' रही है। भगवान राम ने  रावण के साथ युद्ध में विजय हासिल करने के बाद भी अपने भाई  लक्ष्मण को कहे थे कि यद्यपि यह लंका सोने की बनी है, फिर भी इसमें मेरी कोई रुचि नहीं है। क्योंकि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान हैं।यही कारण है कि वे अपने राज्य के लोगों की लड़ाई लड़ने बिहार पहुंचे। 


'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि, मुझे न पावर चाहिए, न पैसा चाहिए, हर बिहारियों के चेहरे पर खुशी रहे यह मेरी प्राथमिकता है। इस दौरान उन्होंने अपने आने वाली पीढ़ी को खूब पढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि आज ज्यादा मेहनत करने वाले गरीब ह। जबकि कम मेहनत करने वाले ज्यादा अमीर हैं।  इसका एक मात्र कारण शिक्षा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में पॉवर और पैसे से ही अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी जा सकती और सफलता पाई जा सकती है। 


सहनी ने कहा कि भारत के संविधान ने बड़े से लेकर निर्धन लोगों तक को वोट का अधिकार दिया है। इसे हम सभी को सही लोगों के लिए और अपनों के लिए इस्तेमाल करना जरूरी है। जब अपना लोग मजबूत होगा और पॉवर में होगा तो पूरा समाज मजबूत होगा।