DESK : हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को जल्द ही केंद्र की तरफ से रिटर्न दाखिल करने में छूट मिल सकती है. इस बारे में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है. जिसका वित्त मंत्री से सकारात्मक जवाब मिला है.
हज यात्रा पर जाने के लिए लोग ज़िन्दगी भर अपने कमी के पैसे जोड़ कर रखते है तब जाकर हज कर पाना संभव हो पता है. केंद्र की तरफ से मिलने वाली हज सब्सिडी को भी साल 2018 में खत्म कर दी गई थी. ऐसे में ये फैसला लिया जाता है तो हाजियों के लिए एक अच्छी खबर होगी.
दरअसल, 2019 के बजट में विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने वालों को आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी कर दिया गया था. इस नियम से अन्य लोगों के साथ हज यात्री भी इसमें शामिल हो जाते है. ऐसे में यह प्रावधान अमल में आ जाने से उन्हें आईटी रिटर्न दाखिल करने के झंझटों में शामिल नहीं होना पड़ेगा.
बरहाल, कोरोना की वजह से इस साल हज यात्रा नहीं हुई. इसलिए यह मामला सुर्खियों में नहीं आया, लेकिन अब नए साल की हज तैयारियों के लिए मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 19 अक्तूबर को बैठक बुलाई है. इसमें इस मामले पर चर्चा हो सकती है.
केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि हज यात्रा करने के लिए आयकर रिटर्न अनिवार्य करने का प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा. हज समिति के जरिये यात्रा पर जाने वाले अधिकतर यात्री आर्थिक तौर पर कमजोर होते हैं. ऐसे में उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना मुमकिन नहीं है.