फाइनल टेस्टिंग के करीब कोरोना वैक्सीन, जुलाई में मिल सकती है अच्छी खबर...

फाइनल टेस्टिंग के करीब कोरोना वैक्सीन, जुलाई में मिल सकती है अच्छी खबर...

DESK : जब से पूरे विश्व में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला है तभी से तमाम विकसित देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हैं. कई देशों ने वैक्सीन की ट्रायल भी शुरू कर दी है. कुछ देश तो ऐसे भी हैं जो एक साथ कोरोना के लिए कई वैक्सीन पर काम करने में लगे हैं. अमेरिका भी इन देशों में  से एक  है. 

आज अमेरिका की एक बड़ी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने वैक्सीन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. मॉडर्ना ने कहा है कि  जुलाई में वो अपने वैक्सीन का फाइनल ट्रायल शुरू करने वाला है. फाइनल ट्रायल में 30 हजार लोगों को शामिल किया जायेगा. ट्रायल में शामिल कुछ लोगों को रियल शॉट दिया जाएगा वहीं कुछ लोगों को डमी शॉट दिया जाएगा ताकि ये पता लगाया जा सके कि दोनों में से किस समूह के लोग ज्यादा संक्रमित हैं.


कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स स्थित मॉडर्ना बायोटेक का कहना है कि उनकी इस स्टडी का मुख्य लक्ष्य, लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों में कोरोना वायरस को रोकना है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता इस महामारी के फैलाव पर लगाम लगाना होगा. कंपनी ने कहा कि उसने आखिरी स्टेज की स्टडी के लिए वैक्सीन की 100 माइक्रोग्राम डोज तैयार की  जा चुकी है. अगर ये प्रयास सफल रहा तो कंपनी हर साल लगभग 50 करोड़ की डोज अन्य देशों में  डिलीवर करने की तैयारी में है. कंपनी ये डोज स्विस ड्रगमेकर कंपनी Lonza के साथ मिलकर तैयार करेगी.


वहीं, दूसरी तरफ चीन की एक बायोटेक कंपनी सिनोवेक ब्राजील के लोगों पर वैक्सीन का फाइनल ट्रायल करेगी. इसके लिए ब्राजील की सरकार ने घोषणा की है कि चीनी कंपनी सिनोवेक ब्राजील के 9000 लोगों पर टेस्टिंग करेगा. इस वक्त ब्राजील कोरोना वायरस से बहुत बुरी तरह प्रभावित है. ब्राज़ील में ये टेस्टिंग अगले महीने से शुरू होने वाली है. साओ पाउलो ब्राज़ील के प्रमुख शहरों में से है. यहां के राज्यपाल जोआओ डोरिया ने कहा कि, 'अगर यह वैक्सीन काम करता है, तो हम इस वैक्सीन से ब्राजील के लाखों लोगों को सुरक्षित करने में सक्षम होंगे.'


अमेरिका के National Institutes of Health ने कई वैक्सीन की फाइनल टेस्टिंग बड़े पैमाने पर की जा रही है. इसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन भी शामिल है. वैक्सीन रिसर्च सेंटर के सदस्य डॉक्टर जॉन मैस्कोला ने National Academy of Medicine की एक बैठक में कहा कि अगर आगे सब कुछ ठीक रहा तो इस बात का पता लगाया जा सकता है कि इस साल के अंत तक कौन सी वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी.'