MADHUBANI: मिथिला चित्रकला के लिए प्रसिद्ध चित्रकार व पद्मश्री से सम्मानित गोदावरी दत्त का निधन हो गया। 93 साल की उम्र में रांटी गांव में बुधवार की दोपहर सवा 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। एक सप्ताह से वो कोमा में थी। प्रसिद्ध शिल्पकार के निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर है। राजकीय सम्मान के साथ शव का अंतिम संस्कार होगा। मधुबनी पेंटिंग को पहचान दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका थी।
बताया जाता है कि मधुबनी मेडिकल सेंटर के डॉक्टर ने किडनी खराब होने की जानकारी परिजनों को दी थी और मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिया था। कोमा में जाने के बाद परिजन उन्हें घर लेकर आ गए। बता दें कि पद्मश्री गोदावरी दत्त ने मधुबनी पेंटिंग कला को देश और विदेशों में पहचान दिलाई।
वो अक्सर कहा करती थी आज मैं जो कुछ भी हूं, वह इसी कला की बदौलत ही हूं। मिथिला चित्रकला के लिए प्रसिद्ध चित्रकार व पद्मश्री से सम्मानित गोदावरी दत्त के पार्थिव शरीर को मधुबनी के राजनगर प्रखंड के रांटी गांव स्थित आवास के आंगन में रखा गया है। शव के अंतिम दर्शन के लिए लोग उनके घर पर पहुंच गये हैं। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
बता दें कि गोदावरी दत्त को 2006 में शिल्प गुरु सम्मान, 12 मार्च 2019 को दरभंगा विश्वविद्यालय ने डिलीट की मानद उपाधि दी थी। 16 मार्च 2019 को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा पद्धमश्री सम्मान से इन्हें सम्मानित किया गया था। उनके साथ घर में एक पुत्र अवकाश प्राप्त बैंक प्रबंधक,चार पोती, एक पोती रहते थे। गोदावरी दत्त के निधन की खबर से पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गयी। लोग अंतिम दर्शन के लिए घर पर पहुंच रहे हैं।