लालू के तीसरे बेटे तरुण यादव के बारे में मीसा भारती ने किया खुलासा, नीरज कुमार ने उठाया था सवाल

लालू के तीसरे बेटे तरुण यादव के बारे में मीसा भारती ने किया खुलासा, नीरज कुमार ने उठाया था सवाल

PATNA: लालू यादव के तीसरे बेटे को लेकर बिहार में राजनीति हो रही थी. लेकिन अब इसका खुलासा हो गया है. लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने कहा कि तरूण यादव तेजस्वी यादव का ही नाम हैं.

टूटू और तरुण तेजस्वी का नाम

मीसा भारती ने कहा कि तेजस्वी यादव को हमलोग घर में तरुण नाम से ही पुकारते हैं. मेरे बेटे टूटू मामा के नाम से तेजस्वी को पुकारते हैं.  जो नीतीश कुमार बोलते हैं वही नीरज कुमार बोलते हैं. इसका ही इनाम नीतीश कुमार ने नीरज को दिया है. मीसा भारती ने कहा कि टूटू और तरुण तेजस्वी का नाम हैं मैं इसका साफ कर देती हूं. बीजेपी और जेडीयू के नेता अपनी सरकार की नाकामी छुपाने के लिए इस तरह का सवाल और गंदे सवाल उठाते हैं. ये नेता समाज में गंदगी फैलाते हैं. 

सभी संपत्ति के बारे में सबको पता है

मीसा भारती ने कहा कि 1996 में डीए केस लालू प्रसाद हुई तो हमलोगों ने केस जीता. उसमें सारी संपत्ति का ब्यौरा था. जब जब मां और पिता चुनाव लड़े संपत्ति के बारे में बताया. जब तेजस्वी ने राघोपुर से चुनाव लड़ा तो उसमें भी तेजस्वी ने संपत्ति का ब्यौरा दिया है. लेकिन नीतीश सरकार के मंत्री अपनी सरकार के नाकामियों को छुपाने के लिए इस तरह का बयान दिया जा रहा है.  मीसा भारती ने कहा कि इसका जवाब चुनाव में जनता नीतीश कुमार को देगी. ये गंदी राजनीति करने के लिए समय वह चुना गया. जिस दिन मेरे पिता का जन्मदिन था. बिहार की जनता देख रही है. इसका जवाब मिलेगा. 




मंत्री नीरज ने पूछा था लालू का तीसरा बेटा तरुण यादव कौन

मंत्री नीरज कुमार ने गुरुवार को  कहा था कि  तरुण यादव ने कौन सा  गुनाह किया जिसकी उसे सजा मिली. बेटे के गार्जियन के तौर पर पिता का नाम क्यों नहीं लिखा. यह बाल उत्पीड़न का यह मामला बनता है. नीरज ने संपत्ति की दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि फुलवरिया की इस जमीन के कागजात पर तरुण यादव का नाम लिखा है जिसपर पेसर( गार्जियन) के तौर पर लालू यादव का नाम लिखा है. अब ये तरुण यादव कौन हैं ? इसका खुलासा तो लालू यादव को करना ही होगा. आखिर उसके नाम पर संपत्ति जो ले रखी है. लालू यादव ने तो नटवर लाल को भी पीछे छोड़ दिया. ऐसा कोई सगा नहीं है जिसे लालू यादव ने ठगा नहीं. लालू यादव ने धन-संपत्ति की लालच में अपने सगों की भी संपत्ति अपने नाम करा ली. इसके लिए तमाम साम-दाम दंड भेद का उन्होनें इस्तेमाल किया.