PATNA: मेडिकल की परीक्षा में लड़कियों को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार से की। कहा कि पिछले साल की मेडिकल एग्जाम में आरक्षण से 300 लड़कियां वंचित रह गयी थी। जिससे नीतीश का महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है नीतीश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने की घोषणा 2 वर्ष पूर्व की थी। लेकिन पिछले वर्ष भी छात्राएं इससे वंचित रह गई थी और इस साल ष भी अभी तक राज्य सरकार ने 33 प्रतिशत मेडिकल में लड़कियों के आरक्षण का आदेश निर्गत नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस बीडीएस की कुल 1430 सीटें हैं जिसमें 1121 एमबीबीएस व 30 बीडीएस की सीटों पर बिहार सरकार के कोटे के तहत नामांकन होता है। नीतीश सरकार ने 2 वर्ष पूर्व घोषणा की थी कि मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित सभी स्तरों पर लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। पिछले वर्ष भी राज्य सरकार ने कोई आदेश निर्गत नहीं किया और इस वर्ष भी अभी तक कोई आदेश निर्गत नहीं हुआ है।
सुशील मोदी ने कहा कि 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई मेन के स्कोर के आधार पर नामांकन होता है। सत्र 23-24 के लिए इंजीनियरिंग हेतु राज्य सरकार ने 33 प्रतिशत आरक्षण का आदेश दे दिया है परंतु मेडिकल में नामांकन हेतु कोई आदेश नहीं दिया है। परिणामत: लगभग 300 लड़कियां आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में इस साल 50 हजार लड़कियों ने बिहार से आवेदन दिया है। जून मध्य तक परिणाम घोषित हो जाएगा और तत्पश्चात नामांकन शुरू होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि लड़कियों के लिए मेडिकल एमबीबीएस में 33 प्रतिशत आरक्षण हेतु बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद को आदेश दें।