PATNA: जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना में शनिवार को इको वर्कशॉप 2022 का आयोजन किया गया। इसमें देश के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्टों ने बिहार के डॉक्टरों को इकोकार्डियोग्राफी के क्षेत्र में हुए नवीनतम अपडेट और इसकी मदद से हार्ट के मरीजों के उन्नत इलाज की जानकारी दी।
वर्कशॉप में मेदांता द मेडिसिटी अस्पताल गुड़गांव के संस्थापक, देश के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट और मेदांता ग्रुप के प्रमुख डॉ नरेश त्रेहान भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े और इकोकार्डियोग्राफी के महत्व पर जोर दिया। इस वर्कशॉप का उद्घाटन मेदांता अस्पताल पटना के एसोसिएट मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रवि शंकर सिंह और कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी और डायरेक्टर डॉ प्रमोद कुमार ने किया।
वर्कशॉप में मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम के क्लिनिकल एंड प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. रवि आर कासलीवाल ने इकोकार्डियोग्राफी के द्वारा किए जा रहे आधुनिक इलाज की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इकोकार्डियोग्राफी के क्षेत्र में काफी उन्नति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इमेजिंग और 3डी इकोकार्डियोग्राफी जैसी नई प्रगति होने से इकोकार्डियोग्राफी के क्षेत्र में तेजी से ने अपडेट आए हैं।
डॉ. बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार सहित 150 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित डॉ. कासलीवाल डीएनबी, पीजीडीसीसी और अन्य फेलोशिप कार्यक्रमों के तहत कई डॉक्टरों को प्रशिक्षित कर चुके हैं।
वर्कशॉप में आधुनिक इकोकार्डियोग्राफी के पिता के रूप में पहचान रखने वाले डॉ नवीन सी नंदा ने इसके महत्व पर प्रकाश डाला। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ इकोकार्डियोग्राफी से लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित डॉ नवीन सी नंदा ने कलर डॉपलर और 3डी इकोकार्डियोग्राफी के फायदों के बारे में बताया। डॉ नंदा की इकोकार्डियोग्राफी और कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में 500 से अधिक रिसर्च आर्टिकल विभिन्न प्रतिष्ठित जर्नलों में छप चुके हैं। उनकी 13 पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
वर्कशॉप में RTICS, कोलकाता के नान-इनवेसिव कार्डियोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. देबिका चटर्जी, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसएस चटर्जी, डॉ. विकास सिंह ने इकोकार्डियोग्राफी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करके बिहार के हृदय रोगियों की देखभाल और बीमारी में सुधार लाने से जुड़ी जानकारियां साझा की।
वहीं इस वर्कशॉप की आयोजन समिति के अध्यक्ष और मेदांता अस्पताल पटना में क्लिनिकल कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च विभाग के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस वर्कशॉप का लाभ पटना और पूरे बिहार के कार्डियोलॉजिस्ट को होगा। इसमें मिली आधुनिक तकनीक की जानकारी का इस्तेमाल वे मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने में करेंगे। उन्होंने बताया कि मेदांता अस्पताल पटना में एक ही छत के नीचे हार्ट से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज उपलब्ध है। जहां आधुनिक तकनीक से इलाज किया जाता है।
वर्कशॉप की आयोजन समिति के सचिव डॉ. श्रद्धा रंजन ने बताया कि इस वैज्ञानिक सत्र और पैनल चर्चा में पटना के सभी प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ भी शामिल हुए। कार्यशाला में ज्ञानवर्धक व्याख्यान के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण के दो सत्र भी हुए। उन्होंने बताया कि इस वर्कशॉप में 100 से ज्यादा डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। इसका लाभ भविष्य में बिहार के मरीजों को होगा।