ARRAH: आरा सदर अस्पताल में उस वक्त लोगों की भीड़ लग गयी जब एक ही ठेले पर सास की लाश के साथ बहू और पोती को लाया गया। डेड बॉडी के साथ गंभीर रूप से बीमार बहू और पोती को देख लोग भी हैरान रह गये। वहां मौजूद लोगों ने बीमार महिला को छह महीने की बेटी के साथ अस्पताल में भर्ती कराया। वही मृतका को दाह संस्कार के लिए भेजा गया। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भोजपुर जिले के प्रभारी मंत्री भी है लेकिन इन्हें एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हुआ। एक ही ठेले पर लाश के साथ दो जीवित व्यक्ति को अस्पताल लाया गया।
गरीबी की मार झेलती यह तस्वीर आरा सदर अस्पताल की है। समाज के नीचे तबके तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे इसे लेकर बिहार सरकार ने जातीय गणना करायी थी। लेकिन इससे इन गरीबों को कितना लाभ मिला है यह इस तस्वीर को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दरअसल आरा शहर के धोबी घटवा मोहल्ले से ठेला पर लादकर छह माह की बच्ची और दो लावारिस महिला को आरा सदर अस्पताल लाया गया था। जिसमें से एक महिला की मौत हो चुकी थी और दूसरी की हालत नाजुक थी। बताया जाता है कि दोनों महिला रिश्ते में सास-बहू लगती है। लावारिस होने की वजह से मृतका की लाश को दाह संस्कार के लिए भेज दिया जाता है। जबकि बीमार महिला को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। अस्पताल की बेड पर उसके साथ उसकी छह महीने की बच्ची भी दिखी। आरा सदर अस्पताल में महिला की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
बताया जाता है कि दोनों महिला सड़क पर भीख मांगती थी। बीमार महिला ने अपना नाम जमीरा निवासी अंजोरिया देवी बताया और मृतका के बारे में बताया कि वो उनकी सास थी। हालांकि महिला को अपने पति और सास का भी नाम याद नहीं है। अस्पताल में अपनी छह महीने की बेटी के साथ वो भर्ती है जहां बेटी की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों महिलाएं शहर में भीख मांगा करती थी और एक कार वाशिंग के गराज में सो जाती थी।
तीनों को ठेला से लाने वाले चालक मनोज ने बताया कि उसे नवादा थाना की पुलिस ने कहा था कि धोबी घटवा मोहल्ले के एक कार वाशिंग के पास दो महिला पड़ी हुई है। उन्हें ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा दो जिसके बाद हम वहां गए वहां से दोनों महिला को ठेले पर लादकर आरा सदर अस्पताल ले गये। एक महिला पहले से मृत पड़ी थी। दूसरी महिला बीमार थी और पास में एक बच्ची भी पड़ी हुई थी सभी को सदर अस्पताल लाया। एक ही ठेला पर एक डेथ बॉडी, छह माह की मासूम बच्ची और बीमार महिला को लेकर अस्पताल पहुंचाना खुद में ही एक बड़ा सवाल है।