BHAGALPUR : लंबे समय के बाद आखिरकार नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया. जदयू के आठ और भाजपा के नौ विधायक ने मंगलवार को मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद से दोनों पार्टियों में बगावत के सुर उठने लगे. मंत्री पद की शपथग्रहण से पहले ही बीजेपी के नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने नए मंत्रीमंडल को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि नीतीश कैबिनेट में कम अनुभवी लोगों को लिया गया है. पार्टी के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि कुछ चुनिंदा नेता बिहार में पार्टी को चला रहे हैं और यहां आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसा हाल हो जाएगा.
वहीं इसके बाद जेडयू में भी बगावत के सुर उठने लगे हैं. अब जदयू नेता गोपाल मंडल ने इस पर सवाल खड़ा किया है. भागलपुर के गोपालपुर विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक बने नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने बताया कि आलाकमान से आश्वासन मिला था. लेकिन उन्हें मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली, जिससे वे आश्चर्यचकित है.
गोपाल मंडल ने कहा कि वह एक सप्ताह से पटना में ही कैंप किए हुए हैं. मंत्री पद नहीं मिलने पर आश्चर्यचकित हूं. शीघ्र ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. सीएम से मंत्री पद देने का आग्रह करेंगे या किसान प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का अनुरोध करेंगे, ताकि पूरे बिहार में नेता के रूप में काम कर सकें.
इसके आगे गोपाल मंडल ने कहा कि वह सीएम नीतीश कुमार के करीबी हैं और पूरे बिहार में जाति के सबसे मजबूत नेता हैं.उनकी दावेदारी अन्य सभी विधायकों से ज्यादा मजबूत है. मैं मंत्री बनने को लेकर आश्वस्त था, लेकिन अंतिम समय में नाम कैसे कट गया यह समझ में नहीं आ रहा है. इसके साथ ही पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले विधायकों को मंत्री बनाने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो पहली बार विधानसभा पहुंचकर कम उम्र वाले नेता मंत्री बन रहे हैं तो उन्हें भी मौका मिलना चाहिए था. अभी छह मंत्रालय बाकी है, जिसमें मंत्री बनाने को लेकर एक बार आलाकमान को सोचना चाहिए. इलाके के लोगों को मंत्री पद को लेकर आस है.