सम्राट चौधरी को नीतीश का जवाब: किनसे बात करते हैं, कौन उनकी नहीं सुनता... जाकर अपनी पार्टी के नेता से बात करें

सम्राट चौधरी को नीतीश का जवाब: किनसे बात करते हैं, कौन उनकी नहीं सुनता... जाकर अपनी पार्टी के नेता से बात करें

PATNA : बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी के बयान से एनडीए खेमे में खलबली मच गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सम्राट चौधरी को जवाब दिया है. बिहार में गठबंधन की सरकार चलाना बेहद मुश्किल काम है. सम्राट के इस बयान पर सीएम नीतीश ने कहा कि उन्हें कोई बात कहनी है तो जाकर अपनी पार्टी के नेताओं से बात करें.


जनता के दरबार कार्यक्रम में फरियादियों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मंत्री सम्राट चौधरी के बयान को लेकर उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है. लेकिन जब मीडिया ने उन्हें बताया कि सम्राट ने कहा है कि गठबंधन की सरकार चलना बेहद मुश्किल काम है. कोई हमारी बात नहीं सुनता है. इस बयान के जवाब में नीतीश ने कहा कि "कौन नहीं बात सुनता है. पता नहीं किस्से वो बात करते हैं. कौन नहीं सुन रहा है. ये तो हमको नहीं पता है."



नीतीश ने सम्राट चौधरी के बयान पर आगे कहा कि "गठबंधन तो इतने दिनों से चल रहा है. गठबंधन एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहा है. यहां तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन कोई बात है तो जरूर अपनी पार्टी के लोगों से बात करनी चाहिए." नीतीश ने मीडिया के सवाल पर ये भी कहा कि "सम्राट चौधरी जिस दल में हैं, उससे जाकर पूछिए."


आपको बता दें जि बीते दिन बिहार में जेडीयू से गठबंधन को लेकर अपने बयानों से चर्चे में रहने वाले मंत्री सम्राट चौधरी ने फिर से गठबंधन को लेकर एक कड़ा बयान दिया है. औऱंगाबाद में सम्राट चौधरी ने कहा कि गठबंधन की सरकार बेहद मुश्किल काम है. गठबंधन के कारण ही बीजेपी को 74 सीटें जीतने के बावजूद 43 सीट वाले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा.


दरअसल औऱंगाबाद में भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मंत्री सम्राट चौधरी शिरकत करने पहुंचे थे. सम्राट चौधरी ने कहा कि देश के कई राज्यों में बीजेपी की अकेले की सरकार है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या फिर कुछ दिनों पहले तक झारखंड में बीजेपी की अकेले की सरकार थी. तब बीजेपी के लिए फैसला लेना आसान था. लेकिन गठबंधन की सरकार में फैसला लेना मुश्किल है.


सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार में चार पार्टियां शामिल हैं. उन चारों की विचारधारा अलग है. सबकी अलग अलग मांग है. ऐसे में सरकार चलाना औऱ लोगों की भावनाओं का ख्याल रख पाना बेहद मुश्किल है. पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस बात को समझना चाहिये.


सम्राट चौधरी ने फिर कहा कि बीजेपी ने 74 सीटें जीत कर भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया जबकि जेडीयू के पास सिर्फ 43 सीटें थीं. गठबंधन के कारण ही ऐसा करना पड़ा. सम्राट ने कहा कि ऐसा पहली दफे नहीं हुआ है. इससे पहले भी 2000 के विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार की पार्टी को सिर्फ 39 सीटें मिली थीं औऱ बीजेपी को तब भी 62-63 सीट थी तो नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया.


दरअसल ये सारी बातें सामने रख कर सम्राट चौधरी वही मैसेज देना चाह रहे थे जो कुछ दिनों पहले उन्होंने हाजीपुर में बीजेपी की जिला कार्यसमिति की बैठक में दिया था. हाजीपुर जिला भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में सम्राट चौधरी ने कहा था कि जब तक बीजेपी अकेले बहुमत में नहीं आती तब तक बिहार में बहुत सुधार करना संभव नहीं है.


गौरतलब हो कि सम्राट चौधरी ने कहा था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को कोशिश करनी चाहिये कि पार्टी 2025 में अकेले बहुमत में आये. सम्राट ने कहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कार्यकर्ताओं से चूक हो गयी थी.