बड़ी खबर : संकट में नीतीश सरकार, मुकेश सहनी ने NDA की बैठक का किया बहिष्कार

बड़ी खबर : संकट में नीतीश सरकार, मुकेश सहनी ने NDA की बैठक का किया बहिष्कार

PATNA : बिहार के सियासत से जुड़ी इस वक़्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. एनडीए में शामिल सहयोगी दल वीआईपी ने विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया है. मानसून सत्र में रणनीति तय करने के लिए एनडीए विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है और इस बैठक में मंत्री मुकेश साहनी और उनकी पार्टी के अन्य विधायक भी शामिल नहीं हुए हैं.


आज से बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो गया है. 5 दिनों का मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलने वाला है. लेकिन आज पहले ही दिन नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्यपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने अपने सभी विधायकों के साथ एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया है.


गौरतलब हो कि बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी कल से ही नाराज चल रहे हैं. दरअसल उनकी नाराजगी बीजेपी से है. क्योंकि उन्हें कल उत्तर प्रदेश के बनारस में पूर्व सांसद फूलन देवी की शहादत दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में जाने नहीं दिया गया था. यूपी पुलिस एयरपोर्ट पर ही मुकेश सहनी को रोक दी थी. तब मंत्री ने कहा था कि ऐसी घटनाएं बीजेपी सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के नारे पर सवाल खड़ा करती है.



बनारस में प्रशासन के द्वारा सख्ती किए जाने पर मुकेश सहनी ने कहा था कि "हम लोग संघर्ष करने वाले लोग हैं. हमारी लड़ाई लंबी है इसलिए इन सब चीजों से हम नहीं डरते हैं. बिहार में हमारी सरकार बहूत ही मजबूती से काम कर रही है, उत्तर प्रदेश में भी हमारी सरकार बनेगी. हमें कोई भी दबाने की कोशिश करेगा तो हम दबने वालों में से नहीं हैं."


इस घटना के बाद विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी आजकल बीजेपी पर जबर्दस्‍त तरीके से खफा हैं. यह नाराजगी उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर भी जताई है. आपको बता दें कि रविवार को मुकेश सहनी को बाबतपुर एयरपोर्ट से कोलकाता के लिए रवाना कर दिया गया था. कार्यक्रम और मंत्री के आगमन पर एक दिन पहले से ही पार्टी पदाधिकारियों का जुटान छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में हो रहा था.


इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पटना में जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से पत्रकारों ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जब योगी सरकार को मूर्ति स्थापित करने की इजाजत नहीं दी गई तो फिर ये सवाल ही नहीं उठता कि किसी और को मूर्ति लगाने की इजाजत दे दी जाये. जाहिर है कि मुकेश सहनी तक जब ये बात पहुंची होगी तो उन्हें दोहरा झटका लगा होगा. क्योंकि योगी सरकार की ओर से उन्हें पहले ही चोट दे दी गई है.