PATNA : बिहार में एनडीए की नई सरकार गठित होने के बाद बीजेपी के पुराने दिग्गजों को हाशिए पर लगा दिया गया. डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी केंद्र की राजनीति में चले गए तो वहीं उनके साथ लंबे अरसे तक बिहार कैबिनेट में शामिल रहने वाले नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला. मंत्री की कुर्सी चली गई लेकिन बीजेपी के दिग्गज नेताओं का बंगला बच गया है.
प्रेम कुमार और नंदकिशोर यादव के लिए राहत भरी खबर है कि उनका पुराना बंगला कायम रहेगा. इससे पहले मंत्री नहीं बनने की हालत में दोनों को भवन निर्माण विभाग से बंगला खाली करने के लिए कहा गया था क्योंकि मंत्रियों और विधायकों के आवास के लिए अलग-अलग भी व्यवस्था है. विधायकों की आवास का प्रबंध विधानसभा की ओर से किया जाता है तो वही मंत्रियों को आवास उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भवन निर्माण एवं आवास विभाग की है.
फिलहाल विधायक आवास निर्माणाधीन है, इस कमी को दूर करने के लिए विधायकों को विधान परिषद पुल के लिए कुछ आवास दिए गए हैं. कुछ विधायकों को अस्थाई तौर पर कंकड़बाग स्थित सरकारी आवास में भी ठहराने की व्यवस्था की जा रही है. जिन्हें विधानसभा की ओर से आवास नहीं मिलेगा उन विधायकों को मकान के लिए अलग से किराया दिया जाएगा.
बता दें कि नंद किशोर यादव का मंत्री वाला आवास स्टैंड रोड और प्रेम कुमार का सर्कुलर रोड वाला बंगला अब बदला नहीं जाएगा. इन दोनों की वरीयता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने खुद पहल की. विधान सभा सचिवालय के आग्रह पर भवन निर्माण विभाग ने इन दोनों आवासों को विधानसभा पुल में स्थानांतरित कर दिया. अब यह विधानसभा की संपत्ति है. अधिकार मिलने के बाद दोनों वरिष्ठ नेताओं को पहले वाला आवास आवंटित कर दिया गया. अगर यह दोनों फिर मंत्री बन जाते हैं तो एक और कागजी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, विधानसभा के बदले उनकी आवाज से भवन निर्माण के हो जाएंगे.