PATNA: रिजर्वेशन के अंदर रिजर्वेशन मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्रीय मंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने स्वागत किया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि यह फैसला 10 साल पहले ही आ जाना चाहिए था। पिछले 76 साल से अनुसूचित जाति आरक्षण का फायदा 4 जाति के लोगों ने ही उठाया है।
उन्होंने पूछा कि क्या यह उचित है कि जो आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढ़ गये हैं तो उसी व्यक्ति को फिर आगे बढाया जाए। वही केंद्रीय मंत्री व लोजपा रामविलास के सुप्रीमो चिराग पासवान विरोध पर जीतन राम मांझी ने कहा कि अपना-अपना विचार है। भुइयां, मुसहर, मेहतर जाति से कितने IAS और IPS अधिकारी है? कितने चीफ इंजीनियर हैं?
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि जिन लोगों ने 76 साल तक आरक्षण का लाभ लिया है वो ही आरक्षण से जुड़े इस फैसले को चुनौती देने का काम कर रहे हैं। अनुसूचित जातियों की साक्षरता दर 30 प्रतिशत है। भुइयां, मेहतर, नट जैसी जातियों की साक्षरता दर सिर्फ 8 प्रतिशत है। इनकी साक्षरता दर को बढ़ाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जो समाज में नीचे गिरा हुआ है, उसको आगे बढ़ाने के लिए प्रयास होना चाहिए।
आरक्षण के भीतर आरक्षण के फैसले पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के यह कहने पर कि इस देश में दलितों के साथ होता है भेदभाव, दलितों को मंदिर में पूजा नहीं करने दिया जाता है और ना ही घोड़ी चढ़ने दिया जाता है, इसपर मांझी ने कहा कि ऐसी बात स्वार्थी लोग कह रहे हैं।
भुइयां, मुसहर, डोम, मेहतर जाति के जो लोग हैं उनमें से कितने आईएएस, आईपीएस, इंजीनियर और चीफ इंजीनियर हैं? जो लोग आज क्षोभ व्यक्त कर रहे हैं चार जातियां उनका सब है तो इसका मतलब है कि सिड्यूल कास्ट का हक वही लोग लेते रहें? 76 वर्ष से तो वह लोग लेते ही रहे हैं।